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पहली फिल्म से राज कपूर से नफरत करने लगी थीं साधना, बात बढ़ने पर शूटिंग बीच में छोड़ चली गई थीं घर


अपने जमाने की जानी-मानी अभिनेत्री रही साधना ने फिल्म लव इन सिमला में काम किया जिसमें उनका हेयरस्टाइल बहुत ज्यादा पसंद किया गया. उनका यह हेयरस्टाइल उनका स्टाइल स्टेटमेंट बन गया. साधना ने महज 15 साल की उम्र में काम करना शुरू कर दिया था. धीरे-धीरे उन्हें बड़े रोल मिलने लगे. बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि पहली फिल्म में राज कपूर और साधना के बीच अनबन हो गई थी जिसकी वजह से वह राज कपूर से नफरत करने लगी थी.


साधना ने राज कपूर की फिल्म श्री 420 में कैमियो किया था. इस फिल्म का गाना मुड़ मुड़ के ना देख मुड़ मुड़ के लोग आज भी गुनगुनाते हैं. इस गाने में साधना कोरस गर्ल के किरदार में नजर आईं. ऐसा कहा जाता है कि जब फिल्म के गाने की शूटिंग हो रही थी तब साधना और राज कपूर के बीच अनबन हो गई. इसी वजह से वो राज कपूर से नफरत करने लगी.


साधना अपनी हेयरस्टाइल का बहुत ध्यान रखती थीं. फिल्म श्री 420 की शूटिंग के दौरान भी अपने हेयरस्टाइल का अच्छा खासा ध्यान रखती थी. लेकिन राज कपूर को साधना की यह बात पसंद नहीं थी. राज कपूर साधना को कई बार ऐसा करने के लिए मना कर चुके थे. फिर भी वह नहीं मानी.


इसी वजह से राज कपूर ने गुस्से में उन्हें एक्टिंग छोड़ कर शादी करके घर बसाने को कह दिया. राज कपूर की यह बात साधना को बुरी लग गई और वह सेट छोड़कर घर चली गई. इसके बाद लगभग 6 सालों बाद दोनों ने फिल्म दूल्हा दुल्हन में एक साथ काम किया. साधना ने 30 फिल्में की जिसमें उनकी हम दोनों, प्रेम पत्र, एक मुसाफिर एक हसीना, असली नकली, मेरे मेहबूब, वो कौन थी, वक्त, आरजू और मेरा साया जैसी फिल्में शामिल है.

बंटवारे से पहले पृथ्वीराज कपूर ने लिखा था यह नाटक, 75 साल पहले इस तरह पड़ी थी पृथ्वी थियेटर की नींव

हिंदी सिनेमा की शुरुआत से लेकर अब तक कोई परिवार अगर सिनेमा में सक्रिय रहा तो वह है कपूर खानदान. इस परिवार की सिनेमा में शुरुआत पृथ्वीराज कपूर से मानी जाती है जिन्हें 1972 में भारत सरकार ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया था. कपूर खानदान हर साल 3 नवंबर को पृथ्वीराज कपूर की जयंती बड़ी सादगी से मनाता है.

prithviraj-kapoor

मौजूदा समय में कपूर खानदान के वारिस रणबीर कपूर है जिन्होंने बताया कि पृथ्वीराज जी के हाथों हमारे परिवार ने सिनेमा घुट्टी में पिया. उनके बताए रास्ते पर हमने कई पौध लगाए हैं. मेरा बहुत मन करता है कैमरे के पीछे जाने का और उनकी विरासत में एक नया पौधा लगाने का. मुझे इंतजार है किसी ऐसी स्क्रिप्ट का जो मुझे निर्देशक की जिम्मेदारी संभालने को मजबूर कर दे.

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पृथ्वीराज जब 22 साल के थे तो 1928 में वह अपने रिश्तेदार से थोड़ा सा कर्ज लेकर फैसलाबाद से मुंबई आए. उन्होंने वकालत की पढ़ाई बीच में छोड़ दी और वह अभिनेता बने. उन्होंने भारत की पहली बोलती फिल्म आलम आरा में काम किया. इससे पहले उन्होंने एक मूक फिल्म सिनेमा घर में भी काम किया था. महज 38 साल की उम्र में पृथ्वीराज कपूर ने समंदर किनारे एक आलीशान पृथ्वी थियेटर खड़ा किया.

prithviraj-kapoor

एक बार शशि कपूर ने बताया था कि पृथ्वी थिएटर जनता की आवाज की प्रतिध्वनि है. मेरे पिता तब हर लेखक से बस यही कहते थे कि जो भी लिखो वह ऐसा लिखो कि उसमें आज का भारत दिखे. इसका दर्द दिखे. जब तक हम इस पर खुलकर बात नहीं करेंगे, इनका हल नहीं निकलेगा. बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि बंटवारे से 2 साल पहले पृथ्वीराज कपूर ने एक नाटक तैयार किया था जिसका नाम दीवार था. इस नाटक में वह सारी बातें बयां की गई थी, जो बंटवारे के बाद सबके सामने हकीकत बनकर आई.

राज कपूर ने लगाया था बॉलीवुड में बोल्डनेस का तड़का, इन अभिनेत्रियों को आज भी किया जाता है याद

raj kapoor introduces bold actresses like mandakini zeenat aman vyjayanthimala nargis simi garewal

राज कपूर एक अच्छे अभिनेता होने के साथ ही कामयाब निर्माता और निर्देशक भी थे. राज कपूर को हिंदी फिल्मों में बोल्डनेस लाने का श्रेय भी दिया जाता है. उन्होंने ही कई अभिनेत्रियों को बड़े पर्दे पर बोल्ड अवतार ने लांच किया. कुछ ऐसी ही अभिनेत्रियां हैं जिनको बोल्ड अवतार में उतारने का पूरा श्रेय राज कपूर को जाता था.

मंदाकिनी

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फिल्म राम तेरी गंगा मैली में मंदाकिनी ने बहुत ही बोल्ड सीन दिए थे. झरने के नीचे नहाने वाला सीन तो लोगों को बहुत ज्यादा पसंद आया. इस सीन में मंदाकिनी ने सफेद साड़ी पहनी हुई थी. आज भी लोग इस सीन के लिए मंदाकिनी को याद करते हैं.

जीनत अमान

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फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम में जीनत अमान ने बहुत ज्यादा बोल्ड सीन दिए. उन्होंने फिल्म के शुरू से लेकर अंत तक बोल्ड कपड़े पहने. इस फिल्म में शशि कपूर के साथ फिल्माया गया टाइटल ट्रैक बहुत इंटीमेट था.

सिम्मी ग्रेवाल

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फिल्म मेरा नाम जोकर में ऋषि कपूर ने राज कपूर के बचपन की भूमिका अदा की थी. इस फिल्म में एक सीन था जब टीचर कपड़े बदल रही होती है, तभी ऋषि कपूर चुपके से उसे देख रहे होते हैं. इस फिल्म में टीचर का किरदार सिम्मी ग्रेवाल ने निभाया था.

नरगिस


नरगिस ने फिल्म आवारा में कई रोमांटिक सीन दिए थे. आज भी नरगिस के इन सींस के लिए चर्चा होती है.

वैजयंती माला


वैजयंती माला ने फिल्म संगम में बहुत ही ज्यादा बोल्ड सीन दिए. उन्होंने इस फिल्म में बिकनी भी पहनी. पानी के अंदर उनका बिकिनी वाला सीन लोगों को बहुत ही ज्यादा पसंद आया.

जब इस अभिनेत्री की वजह से राज कपूर और छोटे बेटे के बीच आई थी दरार, फिर हुआ था ये

raj kapoor birthday special

राज कपूर का जन्म 14 दिसंबर 1924 को हुआ था. उनके पिता पृथ्वीराज कपूर 1930 में मुंबई आए. राज कपूर ने अपने बेटों के करियर को संवारने में किसी तरह की कमी नहीं छोड़ी. लेकिन एक फिल्म को लेकर राज कपूर और उनके छोटे बेटे राजीव कपूर के बीच अनबन हो गई. द कपूर्स के मुताबिक, राज कपूर ने अपने छोटे बेटे राजीव कपूर को फिल्म राम तेरी गंगा मैली से बॉलीवुड में लॉन्च किया.


raj kapoor birthday special

यह फिल्म हिट साबित हुई. लेकिन इस फिल्म से राजीव कपूर को नहीं, बल्कि मंदाकिनी को ज्यादा फायदा हुआ. इसी वजह से राजीव कपूर अपने पिता राज कपूर से नाराज रहने लगे. देखते ही देखते दोनों के बीच अनबन की नौबत आ गई. मंदाकिनी इस फिल्म के बाद रातों-रात सुपरस्टार बन गई. लेकिन राजीव कपूर का करियर वहीं का वहीं था. राजीव कपूर को लगता था कि इसके लिए उनके पिता राज कपूर जिम्मेदार है.


raj kapoor birthday special

राजीव कपूर चाहते थे कि राज कपूर फिल्म राम तेरी गंगा मैली के बाद उनके लिए एक और फिल्म बनाएं, जिसमें वह हीरो की तरह नजर आए ताकि उन्हें स्टार होने का फायदा मिले जो पिछली फिल्में मंदाकिनी को मिला था. राजीव कपूर की इच्छा के बावजूद राज कपूर ने ऐसा नहीं किया और राज कपूर ने राजीव कपूर को एक असिस्टेंट के रूप में रखा.


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राजीव कपूर ने अंगारे, जलजला, शुक्रिया, हम तो चले परदेस जैसी कई फिल्मों में काम किया. लेकिन उनको कुछ खास सफलता नहीं मिली. ऐसा भी कहा जाता है कि राजीव कपूर ने कभी अपने पिता राज कपूर के सामने अपनी कुंठा व्यक्त नहीं की. लेकिन राज कपूर के अंतिम संस्कार से उन्होंने दूरी बनाए रखी. वह 3 दिनों तक कपूर परिवार से अलग रहे.