बचपन में मम्मी डैडी मेरा बर्थडे कैसे सेलिब्रेट करते थे वह तो मुझे याद नहीं। बड़े होकर भी मैंने अपने बर्थडे कुछ स्पेशल अंदाज में सेलिब्रेट नहीं किए थे पर जब फिल्म 'सपनों के सौदागर' से फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू कर रही थी तो उसके प्रोड्यूसर अनंत स्वामी ने पूछा, 'हेमा का का बर्थडे कब है?' उन्होंने एग्रीमेंट पर चैक किया और बोले अब तो सेलिब्रेशन होना ही चाहिए। उस दिन से मेरा बर्थडे अच्छे से सेलिब्रेट होना शुरू हुआ। मद्रास में ही केक कटिंग वगैरह हुई। वह मेरा केक का पहला एक्सपीरियंस था वरना हमारे बचपन के दिनों में कहां यह सब होता था। यह तो आजकल के बच्चों की डिमांड रहती है।
मेरा बर्थडे कभी थीम वाला नहीं रहा
मुझे याद है ईशा (बड़ी बेटी) का पहला बर्थडे हमने बहुत धूमधाम से मनाया था। इंडस्ट्री के कई बड़े लोग आए थे। ऋषि कपूर के सारे बच्चे थे शत्रु जी के बच्चे भी मौजूद थे। आहना (छोटी बेटी) के वक्त भी ऐसा ही होता रहा। मेरा बर्थडे कभी थीम वाला नहीं रहा और फिर बचपन में तो कभी मेरा बर्थडे मना ही नहीं। जब बड़ी हुई फिल्मों के सेट पर ही बर्थडे सेलिब्रेट होता था। इन फैक्ट प्रोड्युसरों को अच्छा भी लगता था कि हेमा काम करते हुए अपना बर्थडे सेलिब्रेट करती हैं। बर्थडे पर लोग कुछ भी गिफ्ट कर देते हैं। अजीब सा कुछ भी देते हैं। मेरे ही साइज का फोटो फ्रेम दे देते हैं। उन्हें कहां रखा जाए? मुझे तो बस अपने लोग आएं, वही अच्छा लगता है। फूलों से घर का भरना अच्छा लगता है। उसी बहाने वैरायटी के फूलों देखने का मौका मिलता है। वरना तो लोग इतनी बड़ी-बड़ी मूर्तियां दे देते हैं कि कहां रखा जाए उन्हें?
धर्म जी गिफ्त थे ज्वैलरी
धरम जी तो पहले मेरे बर्थडे पर बहुत ज्वैलरी लेकर आते थे। कभी खूबसूरत नेकलेस हुआ करता था। कभी रिंग तो कभी बैंगल्स, ब्रेसलेट। बहुत अच्छा लगता था तब। एक टाइम के बाद मैंने मना भी करना शुरू किया। इस बार भी कुछ दिया है। वह देखकर तो मैं चौंक गई। कहीं से कुछ स्पेशल बनवा के लाए हैं। वह वॉटरफॉल सा है। चार फीट का है। फाइबर का है मैंने उनसे कहा भी कि इतना बड़ा कहां रखूं। वह इसलिए कि मुंबई में फ्लैट कल्चर है, जगह कहां हैं यहां। गार्डन यहां होते नहीं। पर उन्होंने इंसिस्ट किया कि रखना है।