बॉलीवुड के सुपरहिट एक्टर सनी देओल के 66वें जन्मदिन पर उनके 10 डायलॉग्स पढ़िए। इन डायलॉग्स के बाद सनी देओल को पूरी दुनिया में पहचान मिल गई थी।
आज भी इन डायलॉग्स को पढ़ने के बाद लोगों के दिमाग में सनी देओल की आवाज की गूंजने लगती है। आप भी पढ़ें और बताएं कि सनी की आवाज आपके कानों में गूंजी या नहीं?
10. हलक में हाथ डालकर कलेजा खींच लूंगा, उठा उठा के पटकूंगा! उठा उठा के पटकूंगा!
फिल्म- घातक (1996)
9. अशरफ अली! आपका पाकिस्तान ज़िंदाबाद है, इससे हमें कोई ऐतराज़ नहीं लेकिन हमारा हिंदुस्तान ज़िंदाबाद है, ज़िंदाबाद था और ज़िंदाबाद रहेगा!
फिल्म- गदर: एक प्रेम कथा (2001)
8. ये मजदूर का हाथ है कात्या, लोहा पिघलाकर उसका आकार बदल देता है!
फिल्म- घातक (1996)
7. क्या चाहता है? क्या चाहता है तू? मौत चाहता है? तेरे सारे कुत्तों को मैंने मार दिया, मगर वो राजू को कुछ नहीं कर सके, वो जिंदा है।
फिल्म- जीत (1996)
6. तेरा गुनाहों का काला चिट्ठा मेरे पास है इंस्पेक्टर। तुझे कानून की ठेकेदारी का लाइसेंस मिले छह साल हुए, और उन छह सालों में तूने अपने लॉकअप में, पांच लोगों को बेहरमी से मौत के घाट उतार दिया।
फिल्म- जिद्दी (1997)
5. पिंजरे में आकर शेर भी कुत्ता बन जाता है कात्या। तू चाहता है मैं तेरे यहां कुत्ता बनकर रहूं। तू कहे तो काटूं, तू कहे तो भौंकू।
फिल्म- घातक (1996)
4. रिश्वतखोरी और मक्कारी ने तुम लोगों के जिस्म में मां के दूध के असर को खत्म कर दिया है।
फिल्म- घायल (1990)
3. चिल्लाओ मत, नहीं तो ये केस यहीं रफा-दफा कर दूंगा। न तारीख न सुनवाई, सीधा इंसाफ। वो भी ताबड़तोड़।
फिल्म- दामिनी (1993)
2. तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख...तारीख पर तारीख...तारीख मिलती रही है, लेकिन इंसाफ नहीं मिला। माई लॉर्ड इंसाफ नहीं मिला...मिली है तो सिर्फ यह तारीख।
फिल्म- दामिनी (1993)
1. पत्थरों की दुनिया में देवता बनना तो बहुत आसान है, इंसान बनना बहुत मुश्किल।
फिल्म- जिद्दी (1997)
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