एक्टर: रणवीर सिंह, आलिया भट्ट, धर्मेंद्र, शबाना आजमी, जया बच्चन, टोटा राय चौधरी, आमिर बशीर, नमित दास
डायरेक्टर: करण जौहर
केटेगिरी: Hindi, Family, Comedy, Romance
टाइम: 2 Hrs 48 Min
Rocky Aur Rani Ki Prem Kahani Review: करण जौहर जब कोई फिल्म डायरेक्ट करते हैं तो उससे उम्मीदें बढ़ जाती हैं लेकिन क्या इस बार करण वो मैजिक चला पाए जिसके लिए वो जाने जाते हैं। क्या ये फिल्म करण जौहर की पुरानी फिल्मों के बराबर है? इसका जवाब आपको पूरा रिव्यू पढ़कर ही समझ आएगा।
'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' की कहानी
फिल्म का नाम है रॉकी और रानी की प्रेम कहानी ये एक लव स्टोरी है। रॉकी यानी रणवीर सिंह दिल्ली का लड़का है मस्तमौला, अमीर परिवार से है पैसे की कोई कमी नहीं है लेकिन ज्यादा इंग्लिश नहीं जानती है देसी लड़का है वहीं रानी यानी आलिया भट्ट एक न्यूज एंकर है। एक बंगाली परिवार से है जिनका कल्चर अलग है।
रॉकी और रानी को मिलते ही प्यार हो जाता है। परिवार अलग हैं तो एक दूसरे के परिवार को समझने के लिए एक दूसरे के घर तीन-तीन महीने रहते हैं। क्या वो एक दूसरे के परिवार का दिल जीत पाते हैं ये कहानी है जिसे सेकेंड हाफ में दिखाया गया है। फर्स्ट हाफ में रणवीर के दादा धर्मेंद्र और आलिया की दादी शबाना आजमी की प्रेम कहानी दिखाई गई है जिसकी वजह से रॉकी और रानी मिलते हैं।
'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' का रिव्यू
ये करण जौहर की महान फिल्मों में से एक नहीं है लेकिन ये खराब फिल्म भी नहीं है। ये एंटरटेनिंग फिल्म है लेकिन करण जौहर का नाम जब कहीं जुड़ जाता है तो उम्मीद ज्यादा हो जाती है। फर्स्ट हाफ में मेन कहानी शुरू ही नहीं होती औऱ ये फिल्म का माइनस प्वाइंट है। बीच बीच में रणवीर सिंह एंटरटेन करते हैं। कुछ डायलॉग अच्छे हैं तो कुछ बचकाने हैं। सेकेंड हाफ में फिल्म एक इमोशनल टर्न लेती हैं। फिल्म में कई मुद्दों पर बात होती है। जैसे क्या घर की औरतों को अपने हिसाब से जिंदगी जीने की इजाजत नहीं है। क्या वजन ज्यादा है तो लड़की को ताने ही देते रहेंगे और सेकेंड हाफ में आपको लगता है कि करण ने फिल्म में कुछ तो डाला है।
फिल्म करीब पौने तीन घंटे की है। फिल्म को आराम से छोटा किया जा सकता था। रॉकी और रानी की कहानी को फर्स्ट हाफ में ही आगे बढ़ाना चाहिए था। वहीं, फिल्म में आलिया और रणवीर के बीच कई किसिंग सीन डाले गए हैं और वो जबरदस्ती के लगते हैं।
एक्टिंग
रणवीर सिंह फिल्म की जान हैं। वो आपको हंसाते भी हैं रुलाते भी हैं लेकिन यहां लगता है कि हम रॉकी को नहीं रणवीर सिंह को देख रहे हैं क्योंकि उनका ऐसा अंदाज हम अक्सर सोशल मीडिया पर देखते रहते हैं। आलिया भट्ट की एक्टिंग अच्छी है लेकिन इससे बहुत बेहतर काम वो कर चुकी हैं। जया बच्चन रणवीर की दादी बनी हैं। यहां वो काफी सख्त मिजाज में नजर आती हैं। धर्मेंद्र का रोल कम है। शबाना आजमी का रोल कोई और भी कर सकता था। उनके जैसी सीनियर और कमाल की एक्ट्रेस के लिए ये रोल नहीं था।
म्यूजिक
प्रीतम का म्यूजिक अच्छा है। बैकग्राउंड स्कोर ज्यादातर जगहों पर अच्छा लगता है। पुराने गाने एक मजेदार फील देते हैं।
कुल मिलाकर ये एक ठीक ठाक वन टाइम वॉच फिल्म है। इसे कऱण जौहर अपनी शानदार फिल्मों की लिस्ट में खुद भी नहीं रखना चाहेंगे लेकिन फिर भी ये फिल्म देखी जा सकती है।
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