आतंकवादी बनाए जाने के लिए किसी को किस तरह ब्रेनवॉश किया जाता है, उसे कैसा लालच दिया जाता है। '72 हूरें' में यह दिखाया गया है।
पहले ही दिन फुस्स
सैकनिल्क की रिपोर्ट के मुताबिक, अशोक पंडित (फिल्म के को-प्रोड्यूसर) की यह फिल्म पहले दिन 50 लाख का कारोबार ही कर पाई है। हालांकि, यह शुरुआती अनुमान हैं, इनमें फेरबदल संभव है।
अगर 'द केरल' स्टोरी से '72 हूरें' का फर्स्ट डे का कलेक्शन कंपेयर करें, तो अदा शर्मा की फिल्म ने पहले ही दिन 8 करोड़ के करीब की कमाई की थी। यहां तक कि 'द कश्मीर फाइल्स' तक ने 3.55 करोड़ का कलेक्शन पहले दिन किया था। इस लिहाज से '72 हूरें' का फर्स्ट डे कलेक्शन काफी कम है।
इसके पहले फिल्म क्रिटिक तरण आदर्श ने रिव्यू देते हुए कहा था कि फिल्म को देखना है, तो दिल मजबूत कर बैठना होगा। मतलब साफ है कि यह मूवी आतंकवाद के अनदिखे चेहरे को दिखाती है। हालांकि, मूवी को क्रिटिक्स और अधिकतर दर्शकों के पॉजिटिव रिस्पांस के बाद भी फिल्म पहले दिन एक करोड़ भी कमा पाने में नाकामयाब दिखी।
क्या है '72 हूरें' की कहानी?
जिहाद के नाम पर आतंकवाद को बढ़ावा देने जैसी बातें '72 हूरें' में दिखाई गई हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि मासूमों को अपने जाल में फंसाने के लिए किस तरह का लालच दिया जाता है। कहानी बिलाल (आमिर बख्शी) और हाकिम (पवन मल्होत्रा) की है, जो गेट वे ऑफ इंडिया पर आत्मघाती हमला करने आते हैं।
उन्हें बताया जाता है कि ऐसा करने से उन्हें जन्नत मिलेगी, और उसमें 72 हूरें मिलेंगी। इसी बात को सच मानकर वह मरते दम तक इंतजार में रहते हैं कि 72 हूरों से जन्नत में सामना होगा। वह दोनों खोई हुई आत्माओं की तरह पृथ्वी पर घूमते हैं, और 72 हूरों के आने और उन्हें स्वर्ग ले जाने का इंतजार करते हैं।
Post A Comment:
0 comments: