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दिवंगत एक्टर Puneeth Rajkumar के पिता Doctor Rajkumar को विरप्पन ने 108 दिनों के लिए रखा था कैद, जानें पूरा किस्सा

दिवंगत एक्टर Puneeth Rajkumar के पिता Doctor Rajkumar को विरप्पन ने 108 दिनों के लिए रखा था कैद, जानें पूरा किस्सा

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दिवंगत एक्टर Puneeth Rajkumar के पिता Doctor Rajkumar को विरप्पन ने 108 दिनों के लिए रखा था कैद

कन्नड सिनेमा के महान अभिनेता डॉक्टर राजकुमार की आज यानी 24 अप्रैल को 94वीं बर्थ एनीवर्सरी है। आज के समय में कन्नड सिनेमा का विकास हो रहा है जिसके पीछे कही ना कहीं डॉक्टर राजकुमार को भी बड़ा श्रेय जाता है। साउथ सिनेमा में डॉक्टर राजकुमार को भगवान के तौर पर पूजा जाता है। इनकी ख्याति इतनी बड़ी है कि सम्मान में इनके पैर खुद सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी छूते थे।
 
साउथ सिनेमा के इतिहास में एक ऐसा हीरा रहा जिसकी चमक दूनिया भर में फैली और वर्षों तक उन्होंने लोगों के दिलों में राज किया। ये ऐसे अभिनेता थे जिनकी फिल्मों को 50 से अधिक बार नौ भाषाओं में रिमेक कर बनाया गया। बॉलीवुड के कई अभिनेताओं के लिए डॉक्टर राजकुमार आइडल फिगर थे। अनिल कपूर उन्हें एक्टरों का शहंशाह कहा करते थे।
बता दें कि डॉक्टर राजकुमार ने अपने 58 सालों के करियर में 200 फिल्मों में लीड अभिनेता के तौर पर काम किया था। 
 
वीरप्पन ने किया था अपहरण
बता दें कि वो इतने अधिक मशहूर थे कि वीरप्पन ने उनका अपहरण कर लिया था। इनका अपहरण होने के बाद पूरी साउथ फिल्म इंडस्ट्री में बवाल मच गया था। उनके अपहरण की खबर हर तरफ आग की तरह फैली थी। एक्टिंग के भगवान को डाकू वीरप्पन ने एक या दो नहीं बल्कि पूरे 108 दिनों तक बंदी बनाकर रखा था। इस दौरान कर्नाटक और तमिलनाडु की सरकार काफी परेसान रही थी। अंत में काफी प्रयासों के बाद 15 नवंबर, 2000 में उन्हें और उनके दामाद को रिहाई मिली थी।
 
बता दें कि अभिनेता राजकुमार का असली नाम सिंगनल्लूर पुट्टस्वामैया मुत्तुराज है। उनका करियर सिर्फ आठ साल की छोटी सी उम्र में शुरू हुआ था, जब वो थिएटर आर्टिस्ट के तौर पर काम करने लगे थे। उनके पिता उस समय के दिग्गज डायरेक्टर गुब्बी वीरन्ना के साथ काम करते थे। उन्होंने इस टीम के साथ जुड़कर ही एक्टिंग की बारीकियां सीखी। उन्होंने एक्टिंग के अलावा सिंगिंग में भी अपना हाथ आजमाया। थिएटर करने के बाद उन्होंने कन्नड फिल्म इंडस्ट्री में काम शुरू किया और यहां से फिर कभी मुड़ कर पीछे नहीं देखा। कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री में उन्होंने अपनी खास छाप छोड़ी।
 
उनका फिल्मी करियर वर्ष 1954 में कन्नड फिल्म बेदरा कन्नप्पा से शुरू हुआ था। उनकी पहली ही फिल्म में धमाल मचा दिया था। लगभग 200 से अधिक फिल्मों में काम करने के साथ ही उन्होंने 'महात्यम', 'रणधीरा कांतीरवा', 'कविरत्न कालिदास', 'जेदारा बाले' और 'गौरी' जैसी बेहतरीन फिल्में भी दी।
 
सिंगिंग में भी मचाया धमाल

सिर्फ यही नहीं उन्होंने धमाकेदार एक्टिंग करने के साथ ही गानों में भी अपनी मधुर आवाज दी। फिल्मों में उनके द्वारा कई बेहतरीन गाने गाए गए है। बता दें कि थिएटर के दिनों में ही डॉक्टर राजकुमार ने शास्त्रीय संगीत में अच्छी ट्रेनिंग ली थी। वर्ष 1974 के बाद से उन्होंने अपनी फिल्मों के अधिकतर गानें खुद ही गाए थे। वो इतने कुशल गायक थे कि उन्हें बेस्ट प्लेबैक मेल सिंगर का अवॉर्ड भी मिला था।

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