अनुभव सिन्हा बेहद की संवेदनशील मुद्दों से जुड़ी फिल्में बनाते हैं। फिल्म मुल्क में उन्होंने यह दिखाने का प्रयास किया था कि एक आतंकवादी के परिवार किस तरह से समाज में रहता हैं।
वहीं आर्टिकल 15 में उन्होंने दलितों की स्थिति आज भी गांव-देहातों में कैसी हैं। कैसे मात्र 2 रुपये की दिहाड़ी के लिए दो दलित लड़कियों की बेरहमी से हत्या कर दी जाती हैं। आर्टिकल 15 सत्य घटना पर आधारित थी। अब अनुभव सिन्हा की फ़िल्म 'भीड़' लेकर आये हैं। फिल्म भीड़ में कोरोना काल के दौरान लगे लॉकडाउन से पूरे देश में किस तरह की परिस्थितियां हो गयी थी उनके बारे में दिखाया गया हैं।
फिल्म में लीड रोल राज कुमार राव और भूमि पेडनेकर का हैं। अनुभव सिन्हा की फ़िल्म 'भीड़' का बहुप्रतीक्षित ट्रेलर रिलीज़ हो गया है। ट्रेलर एक सोचा-समझा और अनोखा सिनेमाई अनुभव होने का वादा करता है। यह फिल्म उस समय की सामाजिक विषमता की कठोर वास्तविकता को दर्शाती है जब महामारी ने दस्तक दी थी और देश के भीतर सीमाएं खींची गई थीं।
भीड का ट्रेलर आउट
भीड का ट्रेलर अब इंटरनेट पर आ गया है। यह हमें उस समय में वापस ले जाता है जब राष्ट्र में नोवेल कोरोनावायरस तेजी से फैल रहा था और इसे रोकने के लिए लगभग तत्काल प्रभाव से पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। समस्या- निम्न और निम्न मध्यम वर्ग इस परिदृश्य में फंस गए थे। उनके पास कोई काम नहीं था और वह कहीं नहीं जा सकते थे। पल भर में लगने लगा ता जहां वह सालों से काम कर रहे थे वह शहर तो उनका था ही नहीं। देश के भीतर सीमाएं खींच दी गईं और सड़कों पर दिखने वालों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। ट्रेलर में काले और सफेद दृश्य हैं, जो कहानी को और भी संवेदनशील बनाते हैं और प्रामाणिक तत्व से जोड़ते हैं।
फिल्म के आधिकारिक सारांश में लिखा है, “पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले संकट की अनकही कहानी से प्रभावित होने के लिए तैयार हो जाइए। एक समय जब असमानता की सीमाओं ने लोगों को विभाजित किया। भीड और मानवता के लिए एक आदमी की लड़ाई की मार्मिक कहानी देखें।
ट्रेलर यहां देखें:
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