अनुभव सिन्हा की फिल्म भीड़ का जब ट्रेलर रिलीज हुआ था तभी हर रुह को कंपा देने वाला था। लोगों ने महामारी के दौर को एक बार फिर से अपनी आंखों से देखा। कोरोना महामारी के दौरान दुनिया ने कुछ ऐसी कठिनाई देखी थी जिसे इससे पहले उन्होंने कभी भी अनुभव नहीं किया था। एक आम आदमी से लेकर सरकारों तक के हाथ-पैर इस परिस्थिति में फूल गये थे। महामारी ने लोगों की जान तो ली ही लेकिन जो लोग जिंदा था अपनों से दूर किसी दूसरे जगहों पर रोजी-रोटी के लिए काम कर रहे थे उनकी बहुत ही दुर्दशा हो गयी। काम खत्म हो गया, भूख से कितनों से दम तोड़ा। हजारों किलोमीटर पैदल चलते रहे, रास्ते में ही कितने लोग खत्म हो गये। ऐसी बहुत ही दर्दनाक स्थिति को भारत के लोगों ने कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में देखा था। अब अनुभव सिंहा उसी परिस्थिति को पर्दे पर लेकर आ रहे हैं। फिल्म का नाम है भीड़।
अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) की 'भीड़' (Bheed) सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। फिल्म जिसमें राजकुमार राव के साथ कई कलाकारों की टुकड़ी है, यह फिल्म कोविड -19 के कारण शुरुआती राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के दौरान लोगों को हुई कठिनाइयों और क्रूरताओं का इतिहास है। हालांकि फिल्म रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है। सबसे पहले निर्देशक को ट्रेलर से पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण को हटाना पड़ा। इसके साथ ही सेंसर बोर्ड ने फिल्म में 13 कट लगाने का आदेश दिया। सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) (Central Board of Film Certification) ने फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट देते हुए इसमें 13 कट लगाने का आदेश दिया है। उन कटौती और संशोधनों का विवरण अब लीक हो गया है।
इनमें पूरी फिल्म में कई अपशब्दों को सेंसर (CBFC) करना शामिल है, साथ ही कोरोना जिहाद, महाग्रंथ, आदि जैसे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शब्दों का उल्लेख भी शामिल है। फिल्म में कम अंतरंग दृश्यों के साथ-साथ नग्नता भी दिखाई जा रही थी उस पर भी कैंची लगी है। कई जगहों पर डायलॉग से जाति का जिक्र भी हटा दिया गया है। तब्लीगी जमात को भारत में कोरोना फैलाने का दोषी, धार्मिक समूह के जिक्र पर भी सीबीएफसी द्वारा कट लगाए गये हैं। भीड में एक और बड़ा बदलाव उस रेखा को हटाना है जो फिल्म में प्रवासी संकट की तुलना भारत के विभाजन से करती है।
पहले लॉकडाउन की घोषणा करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को भी हटा दिया गया है। पुलिस की बर्बरता के दृश्यों और पुलिस कर्मियों द्वारा प्रवासी श्रमिकों को पीटते हुए दिखाए जाने वाले दृश्यों को भी कम कर दिया गया है और फिल्म में कोविड-19 से संबंधित सभी आंकड़ों को भी संशोधित किया गया है। फिल्म की शुरुआत में दिखाए गए डिस्क्लेमर में भी बदलाव किया गया है। भीड में भूमि पेडनेकर, पंकज कपूर, दीया मिर्जा, आशुतोष राणा, कृतिका कामरा, आदित्य श्रीवास्तव, कुमुद मिश्रा और वीरेंद्र सक्सेना भी हैं। फिल्म को पूरी तरह से ब्लैक एंड व्हाइट में शूट और रिलीज़ किया गया है और इसमें कोई गाना भी नहीं है।
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