बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में पॉप सिंगिंग सेंसेशन ऊषा उत्थुप ( usha uthup ) जैसी आवाज पूरे भारत में किसी की नहीं है। उन्होंने पॅाप सिंगिंग को एक नई पहचान दी। आज भी उनके गानों पर लोगों के पैर थिरकते हैं। लेकिन ऊषा के लिए सिंगिंग का यह सफर आसान नहीं था। आइए जानते हैं उनके इस सफर की कहानी।
शशि कपूर ने बदली किस्मत
मात्र 20 साल की उम्र से ही ऊषा ने गाना शुरू कर दिया था। वह साड़ी पहनकर चेन्नई के एक छोटे से नाइटक्लब में गाने गाकर कमाया करती थीं। इसके बाद उन्होंने मुंबई , कलकत्ता और फिर दिल्ली के कई बड़े नाइटक्लब में गाना शुरू कर दिया। लेकिन दिल्ली के ओबेरॉय होटल में जाकर उनकी किस्मत बदली। ओबेरॉय होटल में गाना गाने के दौरान शशि कपूर ( shashi kapoor )का ध्यान ऊषा की आवाज पर गया। वह उनकी आवाज से बेहद प्रभावित होकर उन्होंने ऊषा को अपने पास बुलाया और बॉलीवुड में गाना गाने का ऑफर दिया।
बड़ी फिल्मों में गाए हिट गीत
सिंगर ने 'बॉम्बे टॉकीज' ( bombay talkies ) , 'शालीमार' ( shalimaar ), 'शान ( shaan ) , वारदात'( vaardaat ),'अरमान' ( armaan ), 'डिस्को डांसर'( disco dancer ), 'प्यारा दुश्मन'( pyara dushmann ), 'दौड़'( daud ), 'भूत'( bhoot ), 'जॉगर्स पार्क' ( joggers park ) और 'हैट्रिक' ( hattrik )जैसी फिल्मों में कई हिट गाने दिए। जहां उन्हें एक ओर अपनी आवाज के लिए सराहा गया, वहीं कुछ लोगों ने उन्हें मर्दाना आवाज कहकर मजाक उड़ाना भी शुरू कर दिया। साथ ही ऊषा के लुक्स को देखकर कई लोग उन्हें भूत कहते थे। हालांकि इन सभी चीजों को ऊषा ने इग्नोर किया। आज वह पूरे देश की जानी- मानी सिंगरों में से एक गिनी जाती हैं।
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