
1945–1994 के दशक में कई स्टार्स इंडस्ट्री में थे, जिन्होंने अपनी बेहतरीन अदाकारी से लोगों का काफी मनोरंजन किया। इन्हीं में से एक उसी दौर के एक दिग्गज एक्टर मोहम्मद उमर मुकरी (Mohammed Umar Mukri) भी थे। आज उनकी डेथ एनिवर्सरी है। उमर मुकरी ने अपने 50 साल के करियर में करीबन 600 फिल्मों में काम किया और अपनी कॉमेडी से लोगों का खूब मनोरंजन किया। इसके बाद बीमारी के चलते साल 2000 में उनका निधन हो गया, लेकिन उनकी दमदार अदाकारी और किरदारों ने इंडस्ट्री में उनको अमर कर दिया।
उमर मुकरी ने बॉम्बे टॉकीज में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर अपने करियर की शुरूआत की थी। आज के दिन इंडस्ट्री के लोग उमर मुकरी को भावुक श्रद्धांजलि दे रहे हैं। मोहम्मद उमर मुकरी का जन्म 5 जनवरी, 1922 को अलीबाग में हुआ था। बताया जाता है कि इंडस्ट्री में आने और अभिनय करने से पहले मुकरी काजी के तौर पर काम किया करते थे। वो मदरसे में बच्चों को तालिम दिया करते थे। उसी दौर के ट्रेजेडी किंग कहे जाने वाले यूसुफ खान उर्फ दिलीप कुमार (Dilip Kumar) के साथ उन्होंने कई फिल्मों में किया।


उनका एक डायलॉग था जो काफी फेमस हुआ था और इस डायलॉग को अमिताभ बच्चन में कई बार बोलते नजर आते हैं, जो है ‘मूंछें हों तो नत्थुलाल जैसी हों वरना न हों’ ये उन्हीं का था, जिसको बिग बी ने लोगों को हंसाने के लिए मुकरी से ही सीखा था। बताया जाता है कि असल जिदंगी में मुकरी को अंग्रेजी बोलनी नहीं आती थी, लेकिन स्क्रीन पर उन्हें कई बार कॉन्फिडेंस के साथ इंग्लिश बोलते देखा गया था। आज भले ही ये सितारा हमारे बीच नहीं है, लेकिन अपनी अदाकारी से हमेशा इंडस्ट्री में और लोगों के दिलों जिंदा रहेंगे
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