
धर्मेंद्र ने महमूद की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘महमूद के करियर की शुरुआत में उन्होंने मुझे एक घटना के बारे में बताया था. उन्होंने मुझे बताया कि, ‘कुछ लोग मेरे पास ऑटोग्राफ के लिए आए. मैंने महमूद के नाम से ऑटोग्राफ दे दिया. वे लोग मुझे अजीब नजरों से देखते रहे और कहने लगे हम तो प्रेम नाथ के ऑटोग्राफ लेने आए थे और मेरा ऑटोग्राफ फेंक कर चले गए।’
बता दें धर्मेंद्र और महमूद ने कई फिल्मों में साथ में काम किया है। दोनों ने नया जमाना, इज्जत, आंखें से लेकर काजल जैसी समेत फिल्मों में साथ में स्क्रीन शेयर की थी।

महमूद का जीवन बहुत संघर्षों भरा रहा है। 1933 में जन्में महमूद के पिता मुमताज अली बॉम्बे टॉकीज स्टूडियो में काम किया करते थे। घर की आर्थिक जरूरत को पूरा करने के लिए महमूद, मलाड और विरार के बीच चलने वाली लोकल ट्रेन में टॉफिया बेचा करते थे। हालांकि बचपन के दिनों से ही महमूद का रुझान अभिनय की ओर था और वह अभिनेता बनना चाहते थे।
महमूद के किस्मत का सितारा तब चमका जब फिल्म 'नादान' की शूटिंग के दौरान अभिनेत्री मधुबाला के सामने एक जूनियर कलाकार लगातार दस रीटेक के बाद भी अपने डायलॉग नहीं बोल पा रहा था। फिल्म निर्देशक हीरा सिंह ने ये डायलॉग महमूद को बोलने के लिए दिया गया, जिसे उन्होंने बिना रिटेक एक बार में ही ओके कर दिया। इस फिल्म में महमूद को बतौर 300 रुपए मिले जबकि बतौर ड्राइवर महमूद को महीने में मात्र 75 रुपए ही मिला करते थे।
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