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कभी दिखे ठाकुर के हाथ तो कभी एक गोली से मरे दो, फिल्म 'शोले' में हुईं इन गलतियों को क्या आपने पकड़ा?


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धर्मेंद्र का टंकी वाला सीन-
अगर आपने शोले फिल्म देखी है तो आपकोये सीन तो जरूर याद होगा, जिसमें धर्मेंद्र टंकी पर चढ़ कर बसंती की बुआ को ब्लैकमेल कर अपनी शादी पक्की करा लेते हैं, लेकिन इस टंकी को देखकर दिमाग में एक बात खटकती है कि जब गांव में बिजली ही नहीं थी तो टंकी पर पानी कैसे चढ़ता था? ये तो हम सब जानते हैं कि बिना मोटर चलाए टैंक तक तो पानी पहुंच नहीं सकता।

जब खुद जुड़ जाता है लकड़ी का पुल-
जब डाकू बसंती का पीछा करते हैं तो बसंती अपने तांगे से स्टंट करके लकड़ी के पुल को तोड़ देती है जिससे पीछ से आ रहे डाकू दूसरे रास्ते से आने को मजबूर होते हैं। वीरू को भी पुल टूटा मिलता है। लेकिन जब जय और वीरू बसंती को डाकुओं से बचाकर लौट रहे हैं तो उस समय वहीं लकड़ी का पुल पूरी तरह दुरुस्त मिलता है। पुल की इतनी जल्दी मरम्मत पची नहीं।

गोली मारी सामने और लगी पीठ पर-
जय और वीरू से पिट कर आने के बाद जब गब्बर अपने तीन डाकुओं को गोली मारता है, तो उस वक्त तीनों गब्बर के ठीक सामने खड़े दिखाई देते हैं और गब्बर इन्हें इसी दिशा में गोली मारता है, लेकिन लेकिन जब डाकू को जमीन पर गिरा दिखाते हैं तो उसकी पीठ में गोली लगी दिखती है।

जब तीन पर अटकी सुई-
असरानी ने जेलर की भूमिका निभाई थी, जो अक्सर कहते थे, हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं। इस फिल्म के एक सीन में नाई बने केश्टो मुखर्जी उनके पास जय और वीरू के जेल से भागने का प्लान बताने जाता हैं। उस समय घड़ी में तीन बज रहे होते हैं। इसके बाद जब जय और वीरू जेलर से मिलने जाते हैं, तब भी घड़ी की सूई तीन पर ही अटकी रहती है।

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मंदिर के बाहर खुद आ गई धन्नों-
बसंती पैदल ही मंदिर जाती है। यहां तक कि वीरू भी पूछता है कि तुम्हारी धन्नो कहां है, लेकिन जब वो मंदिर से लौटती है तो तांगा बाहर इंतजार कर रहा होता है। बसंती तो इसे घर छोड़कर आई थी। ये मंदिर के बाहर कैसे आ गई कुछ समझ नहीं आया।

क्लाईमेक्स में आ जाते हैं ठाकुर के हाथ-
फिल्म में दिखाया गया है कि ठाकुर के हाथ गब्बर काट देता है, लेकिन क्लाईमेक्स में जब ठाकुर गब्बर को मारता है तो उसके सफेद कुरते से उसके हाथ साफ दिखाई दे जाते हैं। लगता है क्लाईमेक्स के चक्कर में फिल्म निर्देशक इस पर ध्यान देना भूल गए।

एक गोली से मरे दो?
फिल्म के एक सीन में दिखाते हैं कि डाकुओं से लड़ते वक्त जब जय जमीन पर गिरते हुए पिस्तौल चलाता है। उसकी एक गोली से दो डाकू घोड़े से गिरकर मर जाते हैं। भला एक गोली से दो लोग कैसे मर गए।

खाली हाथ में कैसे आया सिक्का-
ये वाला तो बहुत फनी था किजय की मौत से पहले जब जय पुल के पास आता है तो उसकी दोनों हथेलियां खुली होती हैं, लेकिन जब वो वीरू की बांह में दम तोड़ता है तो वीरू को उसके एक हाथ में सिक्का मिलता है। ये क्या था भाई।


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