अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को विश्व में मनाया जाता है। महिला दिवस की शुरुआत 1911 से हुई और धीरे-धीरे ये दिवस एक समुदाय या जेंडर की परिभाषाओं से ऊपर उठकर विश्व में अपनी पहचान बनाता गया , आज विश्व की आधी आबादी इसे अपने अधिकार दिवस के जश्न के रूप में मनाती है।
बॉलीवुड ने कुछ ऐसी फिल्में भी बनाई हैं जिन्हें देखकर कहा जा सकता है कि बॉलीवुड ने कम ही सही लेकिन महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर जो भी फिल्में बनाई हैं वो समाज को एक उचित संदेश देती हैं। भले ही बॉलीवुड इंडस्ट्री पर पुरुषों का अधिकार महिलाओं से ज्यादा हो, लेकिन कुछ फिल्में ऐसी हैं जिनमें महिलाओं ने साबित कर दिया कि वो किसी से कम नहीं हैं और अकेले भी किसी फिल्म को हिट करा सकती हैं। आज हम आपको उन फिल्मों की लिस्ट दिखाने जा रहे हैं जिनमें महिलाओं ने अपनी ताकत दिखाई और समाज को एक सही सिख दी।
इंग्लिश विंग्लिश
दिवांगत अभिनेत्री श्रीदेवी की साल 2012 में आई ये फिल्म एक ड्रामा कॉमेडी फिल्म है। फिल्म में श्रीदेवी एक घरेलू महिला शशि का किरदार निभाया है। जो परिवार के लिए सबकुछ करती है, लेकिन सिर्फ अंग्रेजी न आने के कारण उसे अपने मार्डन बच्चों और हाई-फाई पति के साथ ताल-मेल बिठाने में दिक्कत होती है और कई बार इस वजह से उसे घर में अपमानित भी होना पड़ता है, लेकिन बावजूद इसके वह हीन भावना का शिकार नहीं होती और अंग्रेजी सीख सबको हैरान कर देती है। फिल्म में दिखाया गया है कि मौका मिलने पर एक महिला सब कुछ करने के लिए सक्षम होती है।
क्वीन
कंगना रनौत वैसे तो बॉलीवुड में अपनी एक खास पहचान बनाई है, उनकी फिल्में हर बार कुछ खास तरीक से पेश की जाती है। फिल्म ‘क्वीन’ में कंगना एक सिंपल लड़की का किरदार निभाया था, इस फिल्म में कोई बड़ा स्टार नहीं था इसके बावजूद फिल्म सुपरहिट रही थी। फिल्म की कहानी कुछ ऐसी थी कि शादी टूटने के बाद कंगना अपना हनीमून पैकेज सिर्फ घूमने के चली जाती हैं। ऐसे में कई खट्टे-मीठे सीन है, जिसे देखने के बाद आपको भी बार-बार फिल्म देखने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
फैशन
साल 2008 में आई फिल्म फैशन आधुनिक दौर में लड़कियों के सपनों और उनको पूरा करने के संघर्ष की कहानी है। इस फिल्म के निर्द्शक है मधुर भंडारकर। इश फिल्म में प्रियंका के साथ कंगना रनावत दोनों ने फिल्म में दमदार एक्टिंग की है।
सात खून माफ
फैशन के बाद प्रियंका चोपड़ा की यह दुसरी शानदार फिल्म थी। फिल्म सात खून माफ एक महिला के फैशनेबल, बोल्ड, अमीर और शातिर पहलु को दिखाती है। सच्चे प्यार की तलाश में इस फिल्म की मुख्य किरदार 6 शादियां करती हैं।
दामिनी
1993 में आई फिल्म दामिनी का ये डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर है। इसमें ऋषि कपूर, सनी देओल और मीनाक्षी शेषाद्री मुख्य भूमिका में थे। फिल्म दामिनी एक ऐसी महिला की कहानी है, जो सच और इंसाफ की लड़ाई में अपने प्यार, पति और परिवार सबकुछ दांव पर लगा देती है।
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मदर इंडिया
बॉलीवुड की यह फिल्म सालों पुरानी है लेकिन महिला सशक्तिकरण की बात जब भी होती है तो 'मदर इंडिया' का जिक्र जरूर होता है। 1957 में आई महबूब खान द्वारा लिखित और निर्देशित इस फिल्म में नर्गिस, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार और राज कुमार मुख्य भूमिका में नजर आए थे। यह गरीबी से पीड़ित गांव में रहने वाली औरत राधा की कहानी है जो कई मुश्किलों का सामना करते हुए अपने बच्चों का पालन पोषण करने और बुरे जागीरदार से बचने के लिए कड़ी मेहनत करती है।
मैरी कॉम
मैरी कॉम एक भारतीय हिंदी बॉलीवुड फिल्म है जो 2014 में सिनेमा घरों में प्रदर्शित हुई थी। जिसका निर्देशन ओमंग कुमार ने किया था। यह एक जीवनी फ़िल्म है जो मुक्केबाज मैरी कॉम पर आधारित है जिसमें प्रियंका चोपड़ा ने लीड रोल निभाया था।
क्या कहना
साल 2000 में प्रीति जिंटा और सैफ अली खान की एक बेहतरीन फिल्म आई थी क्या कहना जिसमें दिखाया गया था कि कैसे एक लड़की बिन ब्याही मां बन जाती है और कैसे समाज का सामना करती है।
जुबैदा
फिल्म महिला के विचारों और स्वतंत्रा को दिखाती है। फिल्म में जुबैदा बनी करिश्मा कपूर की शादी एक हिंदु युवराज से दूसरी बीवी के रुप में हो जाती है। इसके बाद जुबैदा को अपनी जिंदगी बेहतर करने के लिए फिर से सोचना पड़ता है और वह अपनी जिंदगी के लिए बेहतर फैसला कर लेती है।
चक दे इंडिया
फिल्म महिलाओं को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करती है। फिल्म हॉकी पर आधारित है लेकिन यह फिल्म दिखाती है कि महिलाएं भी खेलों के मैदान में पुरुषों से कम नही हैं।
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