आचार्य चाणक्य का नाम बुद्धजीवियों में गिना जाता है। चाणक्य को अर्थशास्त्र के साथ समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र, कूटनीति शास्त्र का भी ज्ञान था। चाणक्य ने नीति शास्त्र में धन, तरक्की, कारोबार, पति-पत्नी और शिक्षा समेत जीवन के कई पहुलओं का जिक्र किया है। चाणक्य ने नीति शास्त्र में पति-पत्नी के रिश्ते को समझाने की कोशिश की की है। चाणक्य के अनुसार, पति-पत्नी का रिश्ता भरोसे, सम्मान और प्यार पर टिका होता है। इसलिए इस रिश्ते में कुछ बातों का हमेशा ख्याल रखना चाहिए। जानिए इन बातों के बारे में.
1. चाणक्य कहते हैं कि पति-पत्नी के रिश्ते की पहली शर्त प्यार होती है। जिस रिश्ते में प्यार नहीं होता है, वह जल्द ही टूट जाता है। जो रिश्ते प्रेम की डोरी से बंधे होते हैं, वह लंबे समय तक टिकते हैं। चाणक्य कहते हैं कि पति-पत्नी के रिश्ते में कभी प्रेम की कमी नहीं होनी चाहिए। प्रेम विश्वास से आता है। इसलिए पति-पत्नी को हमेशा एक-दूसरे के लिए समर्पित रहना चाहिए।
2. चाणक्य के अनुसार, वैवाहिक जीवन में भरोसे की बहुत बड़ी कीमत होती है। विश्वास में कमी आने पर वैवाहिक जीवन में दरार आती है। इसलिए इस रिश्ते को बनाए रखने के लिए हमेशा कोशिश करते रहनी चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि विश्वास से दांपत्य जीवन सुखी होता है
3. चाणक्य कहते हैं कि दांपत्य जीवन में मान-सम्मान का हमेशा ख्याल रखना चाहिए। नीति शास्त्र के अनुसार, जिस रिश्ते में आदर और सम्मान की कमी होती है, उस रिश्ते में कोई न कोई कमी बनी रहती है। इसलिए पति-पत्नी के रिश्ते में आदर और सम्मान का हमेशा ख्याल रखना चाहिए।
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