गुजरे जमाने की सुपरहिट फिल्मों का वो अंग्रेज विलेन याद होगा आपको। जो कभी स्मगलिंग करता दिखा, तो कभी हीरोइन को गंदी नजरों से देखता था। हम बात कर रहे हैं बॉब क्रिस्टो(Bob Christo) की। । 80 के दशक में बॉब क्रिस्टो बॉलीवुड की कई फिल्मों में नजर आए। ज्यादातर फिल्मों में उनका किरदार विदेशी डॉन या स्मगलर का होता था। क्या आप जानते हैं कि बॉब क्रिस्टो परवीन बाबी की दीवानगी अपनी इंजीनियर की नौकरी छोड़ भारत आ गए थे। 1938 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में पैदा हुए रॉबर्ट जॉन क्रिस्टो उर्फ़ बॉब क्रिस्टो का ज़िंदगीनामा बड़ा बिखरा हुआ है। 1943 में उनके पिता उन्हें जर्मनी ले गए। ताकि वो अपनी दादी और बुआ के साथ रह सकें।
जो चीज़ उन्होंने इग्नोर की वो ये कि उस वक़्त जर्मनी दूसरे विश्वयुद्ध से जूझ रहा था। उस वक़्त दोस्त राष्ट्रों की सेनाओं ने जर्मनी में कहर ढा रखा था। ऐसे वक़्त में बॉब जर्मनी में थे। पढ़ाई के साथ-साथ बॉब ने थिएटर भी सीखा। अपनी पहली पत्नी हेल्गा को वो किसी प्ले के दौरान ही मिले थे। हेल्गा और उनके तीन बच्चे हुए। एक लड़का और दो लडकियां। हेल्गा के एक दर्दनाक कार एक्सीडेंट में मारे जाने के बाद बॉब ने अपने बच्चों को एक अमेरिकन कपल को सौंपा और एक आर्मी असाइनमेंट पर विएतनाम चले गए। वहां वो सैनिकों को छिपे हुए माइंस खोजकर नष्ट करने में मदद करते।
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बता दें बॉब क्रिस्टो ने विदेश से आ कर भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री में काम करना शुरू किया और ‘गुमराह’, ‘रूप की रानी चोरों का राजा’, ‘नमक हलाल’, ‘कालिया’, ‘हादसा’ जैसी कई फिल्मों में काम किया। गौरतलब हो कि 80 और 90 के दशक में बॉब क्रिस्टो बॉलीवुड की कई फिल्मों में नजर आए।
उल्लेखनीय बात यह है कि एक बार बॉब क्रिस्टो ने पहली बार परवीन बॉबी को टाइम मैगजीन के कवर पर देखा था। फिर वो परवीन बॉबी से इस कदर प्रभावित हुए कि वह उनसे मिलने की ख्वाहिश लिए भारत आ गए और यहां आकर उनकी मुलाकात कुछ फिल्मी लोगों से हुई और उनके द्वारा ही बॉब क्रिस्टो की पहली मुलाकात परवीन बॉबी से हुई। इतना ही नहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कहा जाता है कि उस समय दोनों की दोस्ती हो गई थी और परवीन बॉबी ने बॉब क्रिस्टो को फिल्मों में काम करने का भरोसा भी दिलाया था। वहीं बॉब क्रिस्टो ने अपने बेहतरीन करियर के दौरान 200 से अधिक फिल्मों में काम किया है। वहीं साल 2011 में उन्होंने दुनिया को हार्ट अटैक की वज़ह से अलविदा कह दिया था।
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