नई दिल्ली: इजरायल के दक्षिणी शहर इलात में 70वीं मिस यूनिवर्स 2021 प्रतियोगिता में भारत की हरनाज संधू (Harnaaz Sandhu) विदेशी खूबसूरती को टक्कर देंगी। वो ये खिताब जितने वाली भारत की तीसरी महिला होंगी। इससे पहले पहली बार सुष्मिता सेन ने मिस यूनिवर्स 1994 का खिताब अपने नाम किया था। इसके साथ ही भारत को उसकी पहली महिला मिस यूनिवर्स मिली थी। ऐसे में आज हम आपको प्रतियोगिता के दौरान सुष्मिता से पूछे गए उस सवाल के बारे में बता रहे हैं, जिसका ये जबाव देकर सुष्मिता ने दुनिया को पीछे छोड़ दिया था।
21 मई 1994 को सुष्मिता सेन को मिस यूनिवर्स का ताज पहनाया गया था। बॉलीवुड की बेहतरीन एक्ट्रेस सुष्मिता सेन ने सवाल का जवाब कुछ ऐसा दिया कि पहली बार इंडिया की कोई महिला मिस यूनिवर्स बन पाई थीं। यह इंडिया के लिए बहुत गर्व की बात थीं इसलिए मीडिया से लेकर हर जगह सुष्मिता सेन का नाम छाया गया था।
सुष्मिता का मुकाबला ऐश्वर्या राय बच्चन से था। इस दौरान सवाल पूछा गया कि यदि आप किसी ऐतिहासिक घटना को बदल सकतीं तो वो क्या होती? इस पर ऐश्वर्या का जवाब था कि “अपने जन्म का समय” लेकिन इसी सवाल का सुष्मिता ने जवाब दिया था, “इंदिरा गांधी की मृत्यु। यहां आपको बता दें कि मिस यूनिवर्स का खिताब जीतने से पहले सुष्मिता 'मिस इंडिया प्रतियोगिता' में ऐश्वर्या राय बच्चन को भी हरा चुकी हैं।
मिस यूनिवर्स कॉन्टेस्ट के दौरान जब सुष्मिता से पूछा गया था कि अगर आपके पास पैसा और वक्त होगा तो क्या आप एडवेंचर करना चाहेंगी? इस पर उन्होंने जवाब दिया था कि मेरे हिसाब से एडवेंचर वो है जो आप अंदर से महसूस करते हैं। मुझे बच्चों के साथ बहुत अच्छा लगता है। मौका लगा तो मैं उनके साथ वक्त गुजारना चाहूंगी। यहीं मेरे लिए एडवेंचर होगा।
ऐसा कहा जाता है कि सुष्मिता सेन ने मिस यूनिवर्स के फाइनल राउंड में जो गाउन पहना था। वह उनकी मां ने खुद तैयार किया था। उन्हें बचपन से गाड़ियों का शौक है, लेकिन उन्हें पहली कार अपने मिस यूनिवर्स बनने के बाद मिली। पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन फिटनेस को लेकर कितनी सतर्क रहती हैं यह बात किसी से छिपी नहीं है।
इस दिन को याद करते हुए सुष्मिता ने अपने फैंस का शुक्रिया अदा किया है। सुष्मिता ने इंस्टाग्राम पर लिखा, 'मैं तब 18 साल की थी जब भारत ने पहला मिस यूनिवर्स का खिताब 21 मई 1994 में जीता था। आज मैं 42 साल की हूं अभी भी मिस हूं और यूनिवर्स भी मेरे अंदर है। कुछ भी नहीं बदला है सिर्फ चंद सालों के अलावा। आपके खतों, गिफ्ट्स और कार्ड्स के लिए शुक्रिया लेकिन सबसे ज्यादा इस खास दिन को याद रखने के लिए।
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