नई दिल्ली: हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के फेमस एक्टर विनोद खन्ना (Vinod Khanna) आज भले हीं इस दुनिया में नहीं है, लेकिन जब वो बॉलीवुड में सक्रिय थे तब अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के स्टारडम को टक्कर दिया करते थे। दोनों ने साथ में कई फिल्मों में काम भी किया। विनोद खन्ना की एक्टिंग अमिताभ बच्चन को टक्कर देती थी। वो लोगों के बीच भी अमिताभ बच्चन जितने ही लोकप्रिय हो रहे थे, लेकिन अचानक से उन्होंने बॉलीवुड से सन्यास लिया और ओशो से जुड़ गए। आखिर ऐसा क्या हुआ जिसके चलते उन्होंने अपने काम को ही छोड़ दिया।
इन घटनाओं ने तोड़ दिया था
साल 1980 के दौर में विनोद खन्ना अपने स्टारडम से अमिताभ बच्चन को टक्कर दे रहे थे। लेकिन तभी विनोद खन्ना ने हिंदी फिल्म जगत को अलविदा कह दिया। दरअसल इस दौरान 26-27 साल के विनोद खन्ना के परिवार में अचानक कई लोगों की मृत्यु हो गई, जिसमें उनकी मां भी शामिल थीं। अपनों की मौत के दुखद अनुभव ने उन्हें आध्यात्मिकता की और मोड़ दिया और उन्होंने सन्यास ले लिया।
अमिताभ के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी होते
आपको बता दें कि जब विनोद खन्ना ने सन्यास के कई साल बाद 1987 में फिल्मों से वापसी की तो उन्हें लोगों ने खूब प्यार दिया। उनकी फिल्में इंसाफ़, सत्यमेव जयते सुपरहिट रही थीं। विनोद के वापस आते ही लोग कहने लगे थे, अगर वो बॉलीवुड छोड़कर न जाते तो अमिताभ बच्चन के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी होते।
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