
अली अकबर धर्म से मुसलमान हैं, लेकिन उन्होंने अपना धर्म छोड़ने का फैसला किया है। इसके पीछे की वजह कोई छोटी मोटी नहीं बल्कि काफी सीरियस है। दरअसल सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 13 जवानों की वीरगति ने सबको हिला कर रख दिया है। देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से उनके लिए शोक संदेश आ रहे हैं। शक्तिशाली देशों के प्रतिनिधि भी इस पर अपना शोक व्यक्त कर रहे हैं। इस बीच एक ऐसा तबका भी है जो इस घटना को हास्य घटना बता रहा है।
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आपको बता दें पूरा मामला क्या है, दरअसल बिपिन रावत की खबर पर अली अकबर ने लाइव वीडियो बनाया था, जिस पर कुछ कट्टरपंथी लोगों ने हंसने वाला इमोजी शेयर किया था। इस दौरान इन लोगों ने सीडीएस रावत का मजाक उड़ाने की कोशिश की थी। यह देखकर अली बहुत आहत हुए थे। उन्होंने कहा इस बात को कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता है और इसलिए मैं अपना धर्म छोड़ रहा हूं। मेरे और मेरे परिवार का कोई धर्म नहीं है।
वह आगे कहते हैं ‘इस्लाम के सबसे ऊंचे धर्मगुरुओं और नेताओं ने भी देशद्रोहियों के इस तरह के कार्यों का विरोध नहीं किया है, जिन्होंने एक बहादुर सैन्य अधिकारी का अपमान किया है और वह इसी चीज को स्वीकार नहीं कर सकते हैं। उनका अब धर्म से विश्वास उठ गया है।' इसके आगे उन्होंने कहा कि आज मैं जन्म से मिले एक कपड़े को फेंक रहा हूं। आज से मैं मुसलमान नहीं हूं। मैं सिर्फ भारत का नागरिक हूं। मेरा ये फैसला उन लोगों को जवाब है, जिन्होंने भारत के खिलाफ इमोजी पोस्ट किए थे।'
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उनके इस पोस्ट को नस्लीय वाद की श्रेणी में ऱखने की वजह से फेसबुक ने उनके अकाउंट को सस्पेंड कर दिया था और इस पोस्ट का कई कट्ठरपंथी लोगों ने विरोध भी किया था, जिसके बाद भी वह नहीं रुके और उन्होंने एक नए अकाउंट के जरिए अपने धर्म को छोड़ने औऱ लोगों को उनकी भावना आहत करने के लिए जमकर फटकार भी लगाई थी।
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