नई दिल्ली: आज बॉलीवुड में बिकनी, हॉटसीन, किसिंग सीन एक सामाान्य सी बात है, लेकिन कभी फिल्म इंडस्ट्री में ऐसा नहीं था। क्योंकि भारतीय संस्कृति में ये गलत माना जाता था। लेकिन इसके बावजूद इस एक्ट्रेस ने बॉलीवुड में पहला किसिंग सीन दिया। जिसके बाद तहलका सा मच गया था। आइये जानते हैं इस एक्ट्रेस के बारे में।
दरअसल हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड की पहली ड्रीम गर्ल देविका रानी की। भले ही आज ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी को कहा जाता है लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि उनसे काफी पहले ये खिताब एक्ट्रेस देविका रानी को मिला था। देविका रानी अपने सिर्फ 10 साल के करियर में हिन्दी सिनेमा को नई ऊंचाईयों तक ले गईं थी।
देविका रानी ने जिस दौर में फिल्मों में काम करना शुरू किया था। उस दौर में महिलाएं घर से बाहर तक नहीं निकलती थीं। दरअसल, इसके पीछे की वजह उनके परिवार का खुला माहौल भी था। देविका रानी 9 साल की उम्र में पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चली गईं। पढ़ाई पूरी करने के बाद देविका भारत लौटीं।
इसके बाद उनकी मुलाकात फेमस निर्माता हिमांशु राय से हुई। हिमांशु देविका की खूबसूरती से इतना प्रभावित हुए कि साल 1933 में उन्होंने देविका को अपनी फिल्म 'कर्म' में ले लिया। इस फिल्म में देविका के हीरो हिमांशु राय ही बने। यह किसी भारतीय द्वारा बनी पहली अंग्रेजी बोलने वाली फिल्म थी। यही नहीं देविका रानी हिंदी सिनेमा में पहली किसिंग सीन देने वाली एक्ट्रेस बनीं जो 4 मिनट लंबा सीन था। इस सीन के बाद देविका की काफी आलोचना हुई और फिल्म को प्रतिबंधित भी कर दिया गया। बाद में हिमांशु ने देविका से शादी कर ली।
1936 में आई फिल्म ‘अछूत कन्या’ में देविका रानी ने एक दलित लड़की का दर्द बड़े पर्दे पर बखूबी उकेरा। देविका रानी गाती भी काफी अच्छा थीं। ‘अछूत कन्या’ का एक गाना खुद देविका ने गाया। देविका ने पति के साथ मिलकर बॉम्बे टॉकीज नाम का स्टूडियो बनाया, जिसके बैनर तले कई सुपर हिट फिल्में आईं। अशोक कुमार, दिलीप कुमार, मधुबाला और राज कपूर जैसे सितारों का करियर उनके हाथों परवान चढ़ा। दिलीप कुमार को फिल्म इंडस्ट्री में लाने का श्रेय देविका को ही दिया जाता है।
1970 में दादा साहब फाल्के अवॉर्ड की शुरुआत हुई। यह भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा अवॉर्ड है। इसकी पहली विजेता देविका रानी बनीं। इसके अलावा देविका रानी फिल्म इंडस्ट्री की प्रथम महिला बनीं जिन्हें पद्मश्री से नवाजा गया।
आपको बता दें कि देविका रानी का जन्म 30 मार्च 1908 को विशाखापट्टनम में हुआ था जबकि उन्होंने 9 मार्च 1994 को इस दुनिया को छोड़ दिया। देविका रानी के परिवार का संबंध कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर के परिवार से था। उनके पिता कर्नल एमएन चौधरी एक समृद्ध बंगाली परिवार से ताल्लुक रखते थे।
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