नई दिल्ली: बॉलीवुड फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली का इंडस्ट्री में अपना एक अलग ही रुतबा और मुकाम है। उन्हें किसी पहचान की जरूरत नहीं है। उनकी फिल्में सफलता के नये आयाम स्थापित करने के साथ इतिहास रचा करती हैं। क्या आपने कभी संजय लीला भंसाली के नाम पर गौर किया है। उन्होंने अपने नाम के आगे पिता के जगह अपनी मां का नाम जोड़ रखा है। आखिर इसके पीछे की वजह क्या है आइये जानते हैं।
दरअसल संजय लीला भंसाली के पिता एक प्रोड्यूसर थे, लेकिन वो सफल ना हो सके और शराब के नशे में इस कदर डूबे रहने लगे कि उन्होंने परिवार की जिम्मेदारी उठाना छोड़ दी। तब उनकी मां लीला भंसाली ने घर की जिम्मेदारी उठाई। वो गुजराती रंगमंच पर नृत्य करने लगी और इससे अपने घर का खर्चा चलाया। इतना ही नहीं संजय की मां ने लोगों के कपड़े सीना भी शुरू किया। अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाई कराई। अपने बच्चन में इन सब चीजों का संजय पर बड़ा गहरा प्रभाव पड़ा।
संजय की मां लीला भंसाली ने अपनी जिंदगी में बेहद संघर्ष किया है। उन्होंने गरीबी से कभी हिम्मत नहीं हारी और संघर्ष करती रहीं। अपने बच्चों को प्यार से पाला। शिक्षा दिलाई। संजय ने अपनी मां से बहुत प्यार करते थे, उन्होंने अपनी मां की परेशानियां और संघर्ष समझा। इसी वजह से उन्होंने अपनी मां का नाम अपने नाम के साथ में जोड़ लिया।
संजय लीला भंसाली ने स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद पुणे स्थित एफटीआईआई (FTII) में दाखिला लिया। वहां से निकलने के बाद वे मुंबई आए। उस समय विधु विनोद ‘परिंदा’ नाम की फिल्म बना रहे थे। भंसाली की प्रतिभा से विधु काफी प्रभावित हुए। उन्होंने संजय को अपना असिस्टेंट बना लिया। जब फिल्म पूरी हुई और स्क्रीन पर जाने वाले नामों की लिस्ट मांगी गई तो भंसाली ने अपना नाम संजय लीला भंसाली लिखवाया था। मां का कर्ज तो वो नहीं चुका सकते थे। लेकिन इसके जरिए उन्होंने अपनी मां को हमेशा के लिए अपने से जोड़ लिया और उन्हें आदरांजलि दी।
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