Mgid

Blog Archive

Search This Blog

Total Pageviews

दुनिया का इकलौता श्मशान घाट जहां चिता की आग कभी ठंडी नहीं होती!


<-- ADVERTISEMENT -->






भारत में वैसे तो कई श्मशान घाट है। लेकिन एक ऐसा भी श्माशान घाट है, जहां चिता पर लेटने वाले को सीधे मोक्ष मिलता है। कहा जाता है कि दुनिया के ये इकलौता श्मशान घाट है, जहां चिता की आग ठंडी नहीं होती है। बताया जाता है कि यहां हर दिन करीब 300 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। यही नहीं, यहां पर मुर्दे को चिता पर लेटाने से पहले बकायदा टैक्स वसूला जाता है।


यह श्मशान घाट बाबा विश्वनाथ की नगर काशी में हैं। इसे मणिकर्णिका श्मशान घाट के नाम से जाना जाता है। शायद यह घाट दुनिया का पहला ऐसा श्मशान घाट है, जहां मुर्दे से टैक्स वसूला जाता है। इसके पीछे भी दिलचस्प कहानी है। बताया जाता है कि मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार की कीमत चुकाने की परंपरा करीब तीन हजार साल पुराना है।


दरअसल, 'टैक्स' वसूलने की शुरुआत राजा हरिश्चंद्र के जमाने से ही है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक वचन के कारण राजा हरिश्चंद्र अपना राजपाट वामन भगवान को दान कर कल्लू डोम के यहां नौकरी कर रहे थे। इसी दौरान उनके बेटे की मौत हो गई। उनकी पत्नी जब बेटे को लेकर दाह संस्कार के लिए मणिकर्णिका श्मशान घाट पहुंची तो वचन से मजबूर हरिश्चंद्र ने पत्नी से दाह-संस्कार से पहले दान मांगे, क्योंकि कल्लू डोम का आदेश था कि बिना दान लिए किसी का भी दाह संस्कार नहीं करना है।


जबकि उनकी पत्नी के पास उस वक्त देने के लिए कुछ भी नहीं था। इसके बावजूद राजा हरिश्चंद्र ने बिना दान लिए दाह संस्कार करने को तैयार नहीं हुए। उसके बाद मजबूरी में उनकी पत्नी ने साड़ी का एक टुकड़ा फाड़ कर दे दिया। कहा जाता है कि आज भी वही परंपार जारी है। आज भी यहां दान लिया जाता है लेकिन लेने के तरीके बदल गए हैं। यही कारण है कि आज की तारीख में लोग इस 'टैक्स' कहते हैं।

🔽 CLICK HERE TO DOWNLOAD 👇 🔽

Download Movie





<-- ADVERTISEMENT -->

AutoDesk

news

Post A Comment:

0 comments: