नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त की जिंदगी हमेशा सुर्खियों में बनी रहती है। उन्होंने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया है और अपनी पहचान बनाई। संजय दत्त ने फिल्म रॉकी से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी। उसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर फिल्में दीं। हालांकि, फिल्मी करियर से ज्यादा संजय दत्त अपनी पर्सनल लाइफ के कारण सुर्खियों में रहते हैं। सभी जानते हैं कि वह अपने पिता सुनील दत्त और मां नरगिस दत्त के लाडले रहे थे। ऐसे में उनके माता-पिता उनकी हर ख्वाहिश पूरी करते थे। लेकिन फिर भी संजय दत्त बहुत जिद्दी थे। उन्हें जब कोई चीज पसंद आती थी तो उसे पूरी करने के लिए वह अलग ही तरीका अपनाते थे, जिसके कारण उनके माता-पिता को शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ती थी।
दरअसल, संजय दत्त अपनी जिद पूरी करने के लिए सड़क पर लेट जाते थे। इस बारे में खुद उनके पिता सुनील दत्त ने खुलासा किया था। ‘जीना इसी का नाम है’ में सुनील दत्त ने कहा, 'अगर संजू ठान लेता था कि उसे कुछ करना है तो उसे रोकना नामुमकिन होता था। उन्होंने आगे बताया कि एक बार हम इटली में थे और उस वक्त संजू साढ़े तीन साल का था। इटली के एक बाजार में हम किसी का इंतजार कर रहे थे। संजय ने वहां पर घोड़ा गाड़ी देख ली। अब इसने जिद पकड़ ली कि इसे घोड़ा गाड़ी में बैठना है। लेकिन हमें एक मीटिंग करनी थी इसलिए हमें किसी का इंतजार था। फिर संजू ने सड़क पर ही लोटना शुरू कर दिया। वहां से गुजर रहे लोगों ने उसे देखा और सोचने लगे कि कितने कठोर मां-बाप हैं। अपने बच्चे को रुला रहे हैं'।
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इसके बाद सुनील दत्त बताते हैं कि मेरी पत्नी को इसकी बहुत शर्मिंदगी हुई। लेकिन फिर वो व्यक्ति वहां पहुंच गया, जिसके साथ हमारी मीटिंग थी। उसने पूछा कि क्या हो रहा है, तो मैंने उन्हें पूरी बात बताई। उन्होंने कहा कि चलो फिर घोड़ागाड़ी में ही मीटिंग कर लेते हैं। ऐसे में इनकी वजह से हमें घोड़ागाड़ी में ही मीटिंग करनी पड़ी थी। बता दें कि संजय दत्त बचपन में जितने शैतान थे उतना ही उनका दिल अच्छा था। एक बार उनकी मां नरगिस दत्त ने उनके लिए स्वैटर बनाया था। लेकिन जब संजय दत्त की नजर उनके घर के बाहर बैठे ठंड से ठुठरते बच्चे पर पड़ी तो उन्होंने उसे वो स्वैटर दे दिया।
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