देश के सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (Indian Sars-CoV-2 Genomics Consortium, INSACOG) का कहना है कि कोरोना के सीक्वेंसिंग डाटा में डेल्टा वैरिएंट अभी भी चिंता की बड़ी वजह बना हुआ है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले वक्त में यदि कोरोना वायरस में म्यूटेशन यानी बदलाव होता है तो लोगों को कोविड रोधी वैक्सीन की बूस्टर खुराक की जरूरत होगी। आइए जानें भारत में कोविड रोधी वैक्सीन की बूस्टर डोज को लेकर क्या है विशेषज्ञों की राय...
भारत बायोटेक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डा. कृष्णा एला का कहना है कि यदि आने वाले दिनों में कोरोना वायरस में फिर कोई नया बदलाव होता है तो लोगों को कोविड रोधी वैक्सीन की बूस्टर डोज की जरूरत होगी। समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए डा. एला ने कहा कि यदि कोरोना का कोई नया वैरिएंट आता है और वैक्सीन की बूस्टर डोज की जरूरत पड़ती है तो इसे फास्ट ट्रैक के आधार पर कैसे वितरित किया जा सकता है हम उस पर काम कर रहे हैं। ऐसे में विभिन्न रणनीतियों को समाहित किया जा सकता है।
वहीं दिल्ली स्थित एम्स में प्रो. एमवी पद्मा श्रीवास्तव का कहना है कि देश की लगभग 35 फीसद आबादी का पूरी तरह से टीकाकरण किया जा चुका है लेकिन अभी भी जनसंख्या के एक बड़े हिस्से को पूरी तरह से टीका लगाने की जरूरत है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मौजूदा वक्त में लोगों को बूस्टर खुराक दिए जाने की जरूरत है? उन्होंने कहा कि यह नैतिकता का सवाल है जिस पर विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि थिंकटैंक इस मसले में सही फैसला करेंगे।
प्रफेसर एमवी पद्मा श्रीवास्तव ने कहा कि जिन लोगों में पर्याप्त मात्रा में एंटीबाडी नहीं बन रही हैं... दुनिया के कुछ देशों में हुए अध्ययन से वैज्ञानिक प्रमाण मिले हैं कि ऐसे लोगों को कम से कम कुछ प्रतिरक्षा दिलाने के लिए कोविड रोधी वैक्सीन की बूस्टर डोज की जरूरत होगी। यही नहीं दुनिया के कुछ हिस्सों में उन्हें छह महीने से पहले ही बूस्टर डोज दी गई हैं। प्रो. श्रीवास्तव ने बताया कि एसएजीई (SAGE) इसे देख रहा है। उम्मीद है कि वह उचित परामर्श देगा।
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को राज्यों के साथ बैठक में कहा कि कोरोना अभी गया नहीं है। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई अंतिम चरण में है। ऐसे में महामारी के खात्मे से पहले सुरक्षा उपायों को कम नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने राज्यों से टीकाकरण का दायरा बढ़ाने और लोगों को टीके की दूसरी खुराक देने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश भी दिया।
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