दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सद्भाव समिति ने सोशल मीडिया पर कथित तौर पर घृणा फैलाने वाले पोस्ट के मामले में अभिनेत्री कंगना रनौत को तलब किया। इस बात की जानकारी समिति के अध्यक्ष ने दी है। सूत्रों ने कहा सुश्री रनौत को छह दिसंबर को आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। सूत्रों ने कहा कि सुश्री रनौत को "सिखों पर अपमानजनक टिप्पणी" के लिए तलब किया गया है।
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पुलिस ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में सिख समुदाय के संबंध में कथित तौर पर अपमानजनक का इस्तेमाल करने के आरोप में बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ मंगलवार को एक प्राथमिकी दर्ज की। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) द्वारा कंगना के खिलाफ शिकायत सौंपे जाने के एक दिन बाद उपनगरीय खार थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी। अधिकारी ने बताया कि रनौत (34) के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए (जानबूझकर किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे जांच की जारी है। उन्होंने कहा कि मामले में शिकायतकर्ता
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संधू डीएसजीएमसी के उस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे जिसने सोमवार को शिकायत सौंपी थी। संधू ने एक बयान में कंगना पर इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में उनके समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया। शिकायत सौंपने के बाद, डीएसजीएमसी प्रतिनिधिमंडल ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता मनजिंदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल एवं मुंबई पुलिस के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और कंगना के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) ने रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर अभिनेत्री कंगना रनौत को दिया गया पद्मश्री सम्मान वापस लेने का आग्रह किया है। डीएसजीएमसी के मुताबिक कंगना सांप्रदायिक तौर पर नफरत फैलाने के अलावा एक धार्मिक समुदाय को निशाना बना रही हैं, और लगातार किसानों तथा स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान कर रही हैं। सोशल मीडिया पर कथित रूप से देशद्रोही और अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर सिख संगठन ने शनिवार को कंगना के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में डीएसजीएमसी एवं शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कंगना 1984 के सिख विरोधी दंगों का उल्लेख कर जानबूझकर सिखों को उकसाने का काम कर रही हैं।
सिरसा ने कहा, ‘‘वह इस सम्मान की पात्र नहीं हैं। वह भारत की मूल भावना का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं जो सभी के लिए सद्भाव और अच्छाई पर आधारित है। सामाजिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए किसानों, सिखों और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने के लिए कंगना से पद्मश्री सम्मान को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।’’
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