साल 1975 में रिलीज हुई फिल्म ‘दीवार’ अमिताभ बच्चन के करियर में मील का पत्थर साबित हुई थी। इस दौरान अमिताभ बच्चन बॉलीवुड में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहे थे। ‘दीवार’ को सलीम-जावेद ने लिखा था और इससे पहले अमिताभ दोनों की लिखी हुई फिल्म ‘ज़ंजीर’ में भी काम कर चुके थे। दीवार को गुलशन राय ने प्रोड्यूस किया था। पहले गुलशन राय इस फिल्म में अमिताभ बच्चन की बजाय राजेश खन्ना को कास्ट करना चाहते थे।
सलीम खान ने बताया था, ‘दीवार के लिए प्रोड्यूसर गुलशन राय ने दीवार के लिए साइन कर लिया था। मुझे लगा कि इस रोल की सही कास्टिंग राजेश खन्ना नहीं बल्कि अमिताभ बच्चन हैं। यही वजह थी कि हम लोगों ने इस बात पर वहुत जोर भी दिया। यहां तक कि हम लोगों ने शर्त तक रख दी थी कि अगर आपको हमारी लिखी हुई ये कहानी बनानी है तो इसमें अभिनेता अमिताभ बच्चन ही काम करेंगे। इसके बाद एक्टर राजेश खन्ना को फिल्म से हटाया गया था और अमिताभ बच्चन को कास्ट किया गया था।’
जावेद अख्तर ने बताया था, ‘अमिताभ बच्चन की एक्टिंग की कई फिल्मों में तारीफ तो होती है, लेकिन एक फिल्म थी- मिली। ये एक ऐसी फिल्म थी जिसे एक्ट्रेस केंद्रित बनाया गया था। जया जी ने इस फिल्म में काम किया। इसमें बच्चन साहब ने भी काम किया था, लेकिन उनकी एक्टिंग का कोई जिक्र नहीं होता है। वैसे, तो फिल्म और एक्टर की चर्चा के कारण बन जाते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि अमिताभ जी उसमें सही में अपनी शानदार परफोर्मेंस दी थी।’
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जावेद अख्तर ने एक अन्य इंटरव्यू में बताया था कि शोले के लिए हमने पहले ही किरदार तय कर लिए थे। यही वजह थी कि कास्टिंग के समय ही एक्टर्स को कंफर्म हो गया था कि उन्हें किस किरदार के लिए तैयारी करनी है। बाद में हमने किसी के कहने पर कोई सीन भी नहीं बदला था, लेकिन धर्मेंद्र के कहने पर टंकी पर चढ़ने वाला सीन जरूर थोड़ बदला गया था क्योंकि उनका आइडिया सभी को बहुत पसंद आया था। हम उनके शुक्रगुजार हैं कि उनके बताए आइडिया के कारण ही ये सीन भी इतना अच्छा बन पाया था और मौसी वाला सीन सभी का लोकप्रिय सीन साबित हुआ था।
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