नक्सलवादी गतिविधियों से बॉलीवुड तक सफर तय करने वाला अभिनेता और कोई नहीं बल्कि मिथुन चक्रवर्ती हैं। मिथुन चक्रवर्ती को हिंदी सिनेमा में एक मास एक्टर के तौर पर देखा जाता है। आज भी उनकी एक्शन फिल्मों के दीवानों को देखा जा सकता है।
मिथुन चक्रवर्ती का जन्म 16 जून 1950 को कलकत्ता में हुआ था। अपने शुरूआती जीवन में उन्होनें पढाई लिखाई पर ध्यान लगाया। और प्रसिध्द स्कॉटिश चर्च कॉलेज से बीएससी स्नातक की योग्यता हासिल की। इसके बाद वे भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान पुणे से जुड़े।
मिथुन चक्रवर्ती ने 1976 में फिल्म ‘मृगया’ से अपना डेब्यू किया था। इस फिल्म को क्रिटिक्स की सराहना मिली। मृगया में बेहतरीन अदाकारी के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया। लेकिन फिल्मों में आऩे से पहले वे नक्सलवाद जैसी गतिविधियों से भी जुड़े रहें हैं।
बता दें कि मिथुन इंडस्ट्री में कदम रखने से पहले दा नक्सल आंदोलन नामक नक्सली गैंग के सक्रिय सदस्य बन गए थे। गौरतलब है कि मिथुन चक्रवर्ती चारू मजूमदार से प्रेरित थे। जो कि उन दिनों नक्सल मूवमेंट की शुरू कर रहे थे। इन्हीं को देखते देखते मिथुन भी नक्सली गतिविधियों से जुड़ गए थे।
मिथुन कई बार नक्सलियों के साथ हिंसक कारवाई का भी हिस्सा बनें। ऐसी ही गतिविधियों के दौरान मिथुन को पुलिस ने खदेड़ दिया। हालांकि मिथुन पुलिस के हाथ तो नहीं लगे लेकिन उन्हें कई दिनों तक अंडरग्राउंड रहना पड़ा। वह अपने साथियों के साथ कई महीनों तक छुपते छुपाते घूमते रहे। इस बात की पुष्टि वरिष्ट पत्रकार राशिद किदबई भी अपनी एक किताब में करतें हैं।
जब मिथुन नक्सलवादी संगठनों से जुड़े हुए थे इसी दौरान उनके एकमात्र भाई की करंट लगने से मौत हो गई। जिसका मिथुन को गहरा आघात पहुंचा। इस घटना के बाद उन्हें समझ आ गया कि नक्सलवाद का रास्ता वनवे है। इसका अंत बस मौत के साथ ही होता है।
इसके बाद मिथुन ने इस रास्ते को छोड़ दिया। और मार्शल आर्ट जैसी ट्रेनिंग लेकर बॉलीवुड में एंट्री मारी। पहली फिल्म की सफलता के बाद में चर्चित चेहरा बन गए।
एक्शन के अलावा उन्हें डांसर के रूप में भी ख्याति प्राप्त हुई। 1982 में आई उनकी फिल्म डिस्को डांसर के टाइटल सांग के साथ मिथुन भी घर घऱ में मशहूर हो गए।
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