फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने गुरुवार को घोषणा की कि वह अपनी कंपनी का नाम बदलकर मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक (Meta Platforms Inc.) कर रहे हैं। रीब्रांडिंग के बारे में जुकरबर्ग ने कहा कि फेसबुक नाम में वह सब कुछ शामिल नहीं है जो कंपनी अब करती है। जुकरबर्ग ने Meta को एक 'virtual environment' का रूप दे दिया है। इससे पहले फेसबुक ने घोषणा की थी वह ऑगमेंटेड और वर्चुअल रियलिटी के लिए अलग से फाइनेंशियल रिजल्ट पब्लिश करेगा। फेसबुक की इस नई दुनिया Metaverse में लोग वर्चुअल रियलिटी हेडसेट का उपयोग करके मिल सकते हैं, काम कर सकते हैं और खेल सकते हैं।
Metaverse एक वर्चुअल कंप्यूटर-जनरेटेड स्पेस है, जहां लोग बातचीत कर सकते हैं। इसमें कई बढ़ते हुए बिज़नेस शामिल हैं, जैसे वर्चुअल रियलिटी हार्डवेयर ब्रांच ओकुलस और होरिजन वर्ल्ड, कई वर्चुअल रियलिटी सॉफ़्टवेयर जो अभी भी बीटा टेस्टिंग मोड में है।
कोई भी कंपनी जब भी अपना नाम बदलती है तो अपने लोगो में भी बदलाव करती है, फेसबुक ने भी ऐसा किया है। फेसबुक के नए लोगों को इनफिनिटी शेप में डिज़ाइन किया गया है, थोड़ा तिरछा, लगभग एक pretzel की तरह।
फेसबुक ऐप, जहां यूजर्स अपनी पर्सनल डिटेल्स अपडेट पोस्ट करते हैं और पसंद दर्ज करते हैं वह अपना नाम नहीं बदल रहा है। न ही इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप और फेसबुक मैसेंजर का नाम बदला जा रहा है। कंपनी का कॉर्पोरेट ढांचा भी नहीं बदलेगा। लेकिन 1 दिसंबर से इसका स्टॉक एक नए टिकर सिंबल एमवीआरएस के तहत कारोबार करना शुरू कर देगा।
Metaverse एक नया ऑनलाइन स्पेस होगा। इस स्पेस में लोग रियल दुनिया की तरह एक-दूसरे से इंटरएक्ट कर पाएंगे। इससे आप वर्चुअल वर्ल्ड में जा सकते हैं। यहां पर आप अपने फ्रेंड्स या रिलेटिव से बातचीत करके उनके साथ घूमने जा सकते हैं। आप इसमें शॉपिंग कर सकते हैं। आप Metaverse में खुद की घर-गाड़ी खरीद कर उसे बिल्कुल रियल दुनिया की तरह यूज कर सकते है। इसमें यूजर के पास एक कैरेक्टर होता है जो चल सकता है और दूसरे प्लेयर्स के साथ रियल वर्ल्ड की तरह इंटरएक्ट भी कर सकता है। इसमें यूजर्स वर्चुअल लैंड और दूसरे डिजिटल एसेट्स को क्रिप्टोकरेंसी से खरीद सकते हैं।
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