नई दिल्ली। Celebs Who Secretly Quit Politics: हिंदी सिनेमा और पॉलिटिक्स में हमेशा से ही एक कनेक्शन रहा है। बॉलीवुड में राजनीतिक मुद्दों और कई राजनेताओं पर भी फिल्में बनती आ रही हैं। वहीं दूसरी ओर, कई बार नेता भी अपनी पार्टी के प्रचार-प्रसार के लिए फ़िल्मी कलाकारों की सहायता भी ले लेते हैं। बॉलीवुड के कई कलाकार ऐसे हैं जिन्होंने राजनीति में बहुत रुचि दिखाई और बाद में सियासत का हिस्सा भी बन गए बने। कुछ कलाकारों के लिए यह क्षेत्र काफी अच्छा और सकारात्मक साबित हुआ, वहीं कुछ कलाकार थोड़े ही वक्त के अंदर राजनीति से बाहर आ गए। तो आज हम आपको कुछ ऐसे ही फ़िल्मी सितारों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने राजनीति में क़दम तो रखा, मगर राजनीति रास ना आने के कारण जल्द ही वहां से किनारे भी हो लिए...
• गोविंदा
बॉलीवुड के मशहूर और पसंदीदा अभिनेताओं में से एक गोविंदा ने भी भारत की राजनीति में अपना योगदान दिया है। साल 2004 से 2009 तक वह भारत की संसद के सदस्य रहे थे। उन्होंने इलेक्शन में जीत हासिल भी की, लेकिन साल 2008 में उन्होंने राजनीति को पूरी तरह से छोड़ दिया था।
• संजय दत्त
अपने पिता, सुनील दत्त और प्रिय दत्त की तरह ही राजनीति में आने की चाह तो संजय दत्त को भी थी। इसलिए वह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए परंतु साल 2009 में वह जब लोक सभा चुनाव के लिए पर्चा भरना चाहते थे, तो अदालत में उन्हें इस बात की मंजूरी नहीं दी। हालांकि इसके बाद, उन्हें समाजवादी पार्टी के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। और फिर साल 2010 में उन्होंने पद त्यागने के साथ ही राजनीति भी त्याग दी।
• अमिताभ बच्चन
इतना ही नहीं बॉलीवुड के एंग्री यंग मैन के नाम से मशहूर अमिताभ बच्चन ने भी साल 1984 के दौरान राजनीति में अपना हाथ आज़माया था। अमिताभ बच्चन प्रयागराज सीट से लोक सभा चुनाव के लिए लड़े और मतों की भारी संख्या से विजय भी हुए। परंतु राजनीति में बिग बी के लिए चीज़ें नकारात्मक साबित हुई और उन पर कई तरह के इल्जाम लगाए गए। जिसमें बोफ़ोर कांड का भी ज़िक्र था। इसके बाद बॉलीवुड के इस अभिनेता ने राजनीति में कभी भी क़दम रखने से तौबा कर लिया।
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• शेखर सुमन
अभिनेता शेखर सुमन वर्ष 2009 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे, परंतु साल 2012 में ही वह राजनीति से चले भी गए। जब शेखर सुमन को अपने कार्यकाल के वक्त, पटना साहिब संसदीय क्षेत्र के लिए अभिनेता और राजनीतिज्ञ शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ खड़ा किया गया था, तब शेखर सुमन को एक बड़े अंतर से पराजय का सामना करना पड़ा था।
• उर्मिला मातोंडकर
अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर ने बड़े जोरों-शोरों से राजनीति में क़दम तो रखा था, लेकिन 6 महीने के अंदर ही उन्होंने पॉलिटिक्स छोड़ भी दी थी। वह कांग्रेस की टिकट से उत्तरी मुंबई की सीट के लिए उम्मीदवार के रूप में खड़ी हुई थीं, जिसमें उन्हें जीत नहीं मिल पाई थी।
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