नई दिल्ली। सई सब से कहती है कि वह कैसे विराट सर के साथ मिलकर कोई भी पूजा कर सकती है । जबकि उसकी और विराट सर की शादी बस एक समझौता है। इस पर सभी लोग उसे कहते हैं कि ऐसे तो वो हक जताती है कि विराट सर उसके पति हैं । तो पूजा करने में क्या दिक्कत है । अश्वनी सई से कहती है पूजा करने पर भगवान का आशीर्वाद ही मिलेगा ।
सई , पत्रलेखा और करिश्मा ने की लड्डू गोपाल की स्थापना
सई पत्रलेखा और करिश्मा मिलकर लड्डू गोपाल की मूर्ति की स्थापना करते हैं । स्थापना के वक्त सई के हाथ में लड्डू गोपाल की मूर्ति से गिर के एक फूल आता है। सब सई से कहते हैं कि उसे लड्डू गोपाल का डायरेक्ट आशीर्वाद मिल गया।
सई लड्डू गोपाल की आरती गाती है
सई भगवान कृष्ण की आरती गाती है । पत्रलेखा भी आरती में उसका साथ देती है। पूरा परिवार खुशी खुशी लड्डू गोपाल की पूजा करता है । इसके बाद सभी जोड़ों को एक दूसरे को प्रसाद खिलाने के लिए कहा जाता है । सई और विराट भी एक दूसरे को प्रसाद खिलाते हैं। विराट मन ही मन सोचता है सई कब उसके मन की बात को समझेगी।
दही हांडी का उत्सव
अगले दिन सब दही हांडी के लिए आते हैं । विराट और सम्राट भी दही हांडी के लिए आते हैं। पूरा परिवार मोहित से पूछता है कि गोविंदा कौन बना है । मोहित कहता है कि, नहीं इस साल वह गोविंदा नहीं बनेगा इस पर बड़ी मामी कहती है कि "तुझे एक जिम्मेदारी दी थी तू उससे भी भागना चाहता है। फिर गोविंदा कौन बनेगा"। देवयानी ,सनी मिलकर विराट और सम्राट से रिक्वेस्ट करते हैं कि वह गोविंदा बने । पर दोनों मना कर देता है । इस पर पूरा परिवार उनसे रिक्वेस्ट करता है । बड़ी मामी कहती है कि" पता नहीं फिर कौन से जन्माष्टमी तुम दोनों साथ हो इस बार तुम्हें छुट्टी है । तो तुम दोनों ही गोविंदा बनो।" अश्विनी विराट और सम्राट को कहती है क्या तुम परिवार की खुशी के लिए इतना भी नहीं कर सकते।
पत्रलेखा करती है रिक्वेस्ट
इतने में पत्रलेखा आकर सम्राट से कहती है। कि तुम प्लीज गोविंदा बन जाओ मेरे लिए ।सम्राट गोविंदा बनने के लिए हां कर देता है । इधर सई सब से कहती है कि विराट सर तो कल रात ही गोविंदा बनने के लिए मान गए थे । और विराट से कहती है कि वह हां कर दे वरना उसकी बेज्जती हो जाएगी। विराट और सम्राट गोविंदा बनने के लिए तैयार हो जाते हैं।
(Precap —इधर दहीहंडी के अवसर पर विराट और सम्राट मिलकर दहीहांडी फोड़ते हैं। सई विराट का हौसला बढ़ाती है । और पत्रलेखा सम्राट का पर पत्रलेखा के मुंह से विराट का नाम भी निकलता है। जिस पर सई पत्रलेखा से कहती है क्या आपके सिर से विराट सर का भूत नहीं उतरेगा । साथ ही बुआ और सनी मिलकर सई से पूछते हैं। कि जब उसे विराट के लिए कोई फीलिंग ही नहीं है तो उसने विराट का ट्रांसफर क्यों रुकवाया। विराट यह सारी बातें छुपकर सुन लेता है। )
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