नई दिल्ली । विराट सई के वापस आने पर उसे सवाल कर रहा होता है। वही सम्राट पूरी तरीके से सई का साथ देता है ।और कहता है कि किसी को भी हक नहीं सई से सवाल करने का उसके साथ जैसा सलूक किया गया था उसने उससे बचने का उपाय निकाला।
सई सत्यनारायण की पूजा में शामिल होती है
वापस आने पर सई को जबरदस्ती सत्यनारायण भगवान की पूजा में बिठा दिया जाता है। देवयानी उसे विराट के बगल में बैठा देती है। पत्रलेखा दोनों को देखकर डिस्टर्ब हो जाती है । सम्राट बार-बार पत्रलेखा को परेशान होता देखता है।
पूरा परिवार करता है सही से सवाल
निनाद और बड़ी मम्मी दोनों सई से पूछते हैं। कि यदि उसे कुछ हो जाता। पाइप से लटकते वक्त वह गिर जाती। तो क्या होता। उसने बस कॉलेज जाने के लिए इतना बड़ा रिस्क मोल क्यों लिया।
विराट सई से सवाल पूछता है।
विराट सई से सवाल पूछता है। इस पर सम्राट कहता है की विराट सवाल पूछने का हक हो चुका है। उसने डोमेस्टिक वायलेंस की तरह व्यवहार किया है । सई चाहे तो उसके खिलाफ कंप्लेंट करा सकती है। उसने कैसे सही को कमरे में बंद कर दिया । सम्राट सई की साइड लेता है । इस पर पत्रलेखा विराट से कहती है कि तुम्हें तो पता ही है सई की आदत। अब बार-बार बोलकर कोई फायदा नहीं।
सम्राट पत्रलेखा पर गुस्सा होता है
सम्राट पत्रलेखा से सवाल पूछता है । कि उसे सई से क्या प्रॉब्लम है। वह क्यों हमेशा लोगों को सई के खिलाफ भड़काना चाहती है। सम्राट पत्रलेखा को कहता है कि क्या उसे बस सई से प्रॉब्लम है या फिर सम्राट और सई दोनों से प्रॉब्लम है। सम्राट काफी गुस्से में होता है।
पत्रलेखा लेती है सम्राट के साथ अनाथ आश्रम जाने का फैसला
सम्राट अपनी मां से कहता है ।उसे वापस अनाथ आश्रम जाना है। ऐसे में उसकी मां कहती है यह फैसला तुम दोनों का होना चाहिए पत्रलेखा कहती है मैंने भी फैसला कर लिया है । और यह हम दोनों का ही फैसला है। सम्राट जहां जाएंगे मैं वही जाऊंगी।
(precap-
विराट खुद से सवाल करता है ।कि क्या उसे सई से इतनी लड़ाई करनी चाहिए । सई और उसके बीच इतनी दूरियां बढ़ गई है। यह कैसे खत्म होगी उसे खुद भी दूरियां अच्छी नहीं लगती। इधर सई ने मन बना लिया है । की वह कुछ ऐसा करेगी । जिसके बाद उसके और विराट के बीच रोज-रोज के झगड़े खत्म हो जाएंगे।)
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