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इन तरीकों से पता चलता है केला कार्बाइड से पका है या नेचुरल?


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ये तो सभी जानते हैं केले खाना आपकी सेहत के लिए लाभदायक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर बिना सतर्क रहे आप केले खरीदते हैं तो ये केला आपको बीमार कर सकता है। दरअसल, आजकल केलों को जल्दी पकाने के लिए कई शॉर्टकट अपनाए जा रहे हैं और कार्बाइड से केले पकाए जा रहे हैं। ऐसे में जानते हैं कि किस तरह से कार्बाइड से पके केले की पहचान की जा सकती है और अगर ये केले खा लेते हैं तो इससे क्या नुकसान होगा.....

कार्बाइड से पके केलों का कैसे पहचानें- दरअसल, नैचुरल तरीके से पके हुए केले में हल्के भूरे और काले रंग के धब्बे होते हैं और खाने में ये मीठे होते हैं। इनका छिलका गहरा पीला और दागदार होता है। वहीं कार्बाइड या कैमिकल आदि से पकाए हुए किले एकदम प्लेन और हल्के पीले रंग के होते हैं। साथ ही केले के एंड में काले की जगह हरे रंग के होते हैं। साथ ही ये जल्द ही खराब हो जाता है।

 
साधारण पके हुए केले मीठे होते हैं और आप इन्हें कुछ दिन तक काम में ले सकते हैं। जैसे ही कैमेकिल से पके हुए केलों को हाथ लगाते हैं तो आपको समझ आ जाता है कि ये काफी सॉफ्ट होते हैं। इसमें भी कई जगह से ये ज्यादा पके हुए और कई जगह एकदम कच्चे रहते हैं। ये अलग अलग बनावट ही केमिकल के बारे में बता देती है।

साथ ही कई लोग पानी में रखकर भी इनकी पहचान करते हैं। कहा जाता है कि जो केला थोड़ा डूब जाता है वो नैचुरल पका हुआ केला होता है, जबकि पानी में तैरने वाला फल असली नहीं माना जाता है।


कार्बाइड केले खाने के क्या नुकसान- कई फलों के लिए कहा जाता है कि अगर आप लंबे समय तक कार्बाइड से पके फल खाते हैं तो आपको कैंसर तक का खतरा है। साथ ही इसका लिवर से लेकर शरीर के कई हिस्सों पर गलत प्रभाव पड़ता है। इससे ना सिर्फ आपके पेट पर असर पड़ता है, बल्कि उल्टी आदि की शिकायत भी लोगों को रहती है।


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