महेश भट्ट एक भारतीय फिल्म निर्देशक ,निर्माता और पटकथा लेखक हैं ,जिन्हें हिंदी सिनेमा में उनके कार्यों के लिए जाना जाता है। महेश भट्ट हिंदी सिनेमा के एक ऐसे फिल्म निर्माता हैं, जिन्होंने अपनी कमजोरियों को फिल्मों के माध्यम से पर्दे पर दिखाने का साहस किया।आज की पीढ़ी भले ही महेश भट्ट को उनके सनसनीखेज बयान या हाल ही में बने म्यूजिक थ्रिलर्स के लिए जानती होगी लेकिन महेश 80 और नब्बे के दशक में भारतीय सिनेमा को कुछ अविस्मरणीय रत्नों से नवाज चुके हैं। जब हिंदी सिनेमा का कंटेंट बेहद ही निचले स्तर पर चल रहा था तब महेश ने अपने अलग कंटेंट के साथ दर्शकों का मनोरंजन किया।
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आज महेश भट्ट 73 वर्ष के हो गए हैं और उन्होंने टॉक शो जीना इसी का नाम है में अपनी फिल्मों को लेकर बताया कि मेरी जिंदगी के कुछ रंग मेरी फिल्मों में साफ तौर पर दिखाई देते हैं, लेकिन उनकी फिल्मों को उनके जीवन के प्रतिकृति कहना सही नहीं होगा क्योंकि वे व्यक्तिगत अनुभव, दुनिया के अनुभव और कल्पनाओं का मिश्रण हैं।महेश भट्ट ने कहा कि मेरा जीवन बहुत विवादास्पद, कठोर, विध्वनशक और आलोचनाओं से उथल-पुथल रहा है।
जिनकी छवि साफ तौर पर फिल्मों के माध्यम से दिखाई गई है। महेश भट्ट के कुछ अविस्मरणीय फिल्में -जिनमें 'अर्थ '1982, सारांश 1984, डैडी, जख्म आशिकी जैसी फिल्में उनके जीवन में हुई उथल-पुथल को साफ तौर से दिखाती हैं। महेश की 1989 की फिल्म डैडी उनके और उनकी बेटी पूजा भट्ट के रिश्तो को दिखाती है। इस फिल्म में बाप बेटी की मार्मिक कहानी आज भी दर्शकों को भावुक कर देती है। और हिंदी सिनेमा की बेहतरीन कृतियों में यह फिल्म शुमार है।इस फिल्म में अनुपम खेर ,पूजा भट्ट और राजदान ने अभिनय किया है। जो शराब और पितृत्व के साथ अपने संघर्ष को दिखाती है। यह कहानी पूजा( पूजा भट्ट) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने दादा दादी के साथ रहती है ।जब उसे अपने शराबी पिता के बारे में पता चलता है तो वह अपने पिता को जानने की कोशिश करती है और पिता अपनी बेटी के लिए शराब को छोड़ने का फैसला करता है।
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वहीं अनु अग्रवाल और राहुल रॉय की रोमांटिक ड्रामा फिल्म आशिकी भट्ट की पहली पत्नी लोरेन ब्राइट( किरण भट्ट) के साथ संबंधों से प्रेरित थी। इसके साथ ही 1999 की फिल्म ""जख्म'' जिसमें दर्शकों के जेहन को दहला देने वाला चित्रण प्रस्तुत किया था। यह फिल्म एक नाजायज बच्चे के दर्द भरी जीवन पर आधारित है। यह भट्ट के जीवन से प्रेरित है, भट्ट जो एक हिंदू पिता (नानाभाई भट्ट) और मुस्लिम मां( शिरीन मोहम्मद )को विवाह से बाहर पैदा हुए थे।। भट्ट ने इस फिल्म को लेकर कहा कि वे जख्म मेरे जीवन का सबसे भयावह अनुभव था और मेरे लिए यह सब कुछ दिल दहला देने वाला था, मैं इन सब से गुजरा और अकेला रहा।
महेश भट्ट ने अपनी फिल्मों में मानवीय भावनाओं की खोज की है और पुरुष प्रधानता और महिलाओं को बिना उपदेश के सामाजिक दबाव से मुक्ति के लिए एक नया दृष्टिकोण दिखाया है। महेश भट्ट के व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो भट्ट ने 20 वर्ष की उम्र में लोरेन ब्राइट (किरण भट्ट) से शादी की थी। जिससे उनको पूजा भट्ट और एक बेटा राहुल भट्ट है। उनकी यह शादी लंबे समय तक टिक नहीं पाई और परवीन बॉबी के साथ अफेयर के चलते महेश और किरण अलग हो गए।। वहीं कुछ साल बाद 1986 में भट्ट ने सोनी राजदान से शादी कर ली,, जिससे दंपत्ति को दो बेटियां शाहीन भट्ट और आलिया भट्ट हैं।
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