आचार्य चाणक्य को एक कुशल राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ के रूप में जाना जाता है। चाणक्य की नीतियां लोगों का मार्गदर्शन करने का काम करती हैं। चाणक्य ने अपनी नीतियों से साधारण से बालक चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बना दिया। इनकी नीतियों में गृहस्थ जीवन को लेकर भी कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। यहां आप जानेंगे चाणक्य की उस नीति के बारे में जिसमें उन्होंने बताया है कि विवाह के लिए स्त्रियों में किन गुणों को देखना चाहिए।
चाणक्य नीति कहती है कि विवाह के लिए जरूरी है कि आप अपने पार्टनर की बाहरी खूबसूरती के मुकाबले आंतरिक सुंदरता देखें। चाणक्य कहते हैं कि हमेशा ऐसी स्त्री से विवाह करना चाहिए जो अपनी मर्जी से आपके साथ विवाह करने को तैयार हो। क्योंकि किसी के दबाव में आकर किया गया विवाह भविष्य में समस्याएं खड़ी कर सकता है।
चाणक्य कहते हैं कि जो स्त्री आपसे बहुत ज्यादा प्रेम करती है जो आपकी फिक्र करती है उसका साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए। अगर ऐसी स्त्री के साथ किसी तरह का विवाद भी हो जाए तब भी उसका साथ नहीं छोड़ना चाहिए। क्योंकि जो स्त्री आपसे प्यार करती है वो आपको कभी दुखी नहीं होने देगी और आपके साथ-साथ आपके परिवार की खुशियों की भी परवाह करेगी।
चाणक्य कहते हैं कि स्त्री हो या पुरुष दोनों की धर्म-कर्म के प्रति आस्था जरूरी है। इसलिए जिस स्त्री से विवाह करने जा रहे हैं तो ये जरूर देखना चाहिए कि वो स्त्री धर्म कर्म में आस्था रखती है या नहीं। इसके अलावा जिस स्त्री के साथ आप विवाह करने जा रहे हैं उसमें ये भी देखना चाहिए कि वो आपके अंदर अपने पिता की झलक देखती है या नहीं। क्योंकि जिस स्त्री के मन में ये भाव रहेगा वो आपका अपने पिता के सम्मान आदर करेगी और आपका ख्याल रखेगी। ऐसी स्त्री हर स्थिति में आपका साथ निभाएगी।
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