नई दिल्ली। काव्या और वनराज अनुपमा के जरिए अनुज कपाड़िया का फायदा उठाने की पूरी कोशिश कर रही है। वहीं अनुपमा अनुज से दूरी बनाने की कोशिश कर रही है। काव्या और वनराज अनुज के ऑफिस जाती है। जहां वो अनुज के गुस्से का शिकार हो जाती है। वहीं दूसरी ओर समर और नंदनी एक-दूसरे से बात तो करना चाहते हैं, लेकिन दोनों के बीच दूरी आ गई है। जिसे दूर करने के लिए बाबू जी समर को सलाह देते हैं।
अनुज हलावे का डिब्बे लिए हंस रहा होता था। तभी उसके काका आते हैं और अनुपमा के नाम से चिढ़ाने लगते हैं। काका अनुज से पूछते हैं कि वो क्यूं डिब्बे को देख कर हंस रहा है? अनुज काका को बताता है कि अनुपमा उसकी मां के तरह है। ऐसे में उसके लिए तलाक लेना काफी मुश्किल था और उसी घर अपने बच्चों के लिए रहना काफी बड़ी बात है। अनुज कहता है कि उसे अनुपमा से एक शिकायत है कि उसे खुद की कीमत नहीं पाता कि वो क्या कर सकती है।
काका अनुज को सलाह देते हैं कि वो इस चीज़ में उसकी मदद करें। अनुज बताता है कि अनुपमा को अपनी मंजिल पर पहुंचने के लिए किसी मर्द की जरुरूत नहीं है। तभी काका कहते हैं कि हमसफर की तो जरूरत है। काका अनुज को अनुपमा के नाम से चिढ़ाने लगते हैं।
अनुपमा ने मना किया अनुज कपाड़िया के ऑफिस जानें से
समर परेशानी होता है। वनराज उससे पूछता है कि वो ठीक है। समर कहता है हां। तभी वनराज अनुपमा से कहता है कि क्या उसने समर से बात की। अनुपमा कहती है कि उसने बात कर ली है। आगे समर का जो करना है। जो करेगा। तभी काव्या आ जाती है और अनुज कपाड़िया से मिलने की बात कहती है। काव्या अनुपमा को भी साथ चलने को कहती है। तभी अनुपमा मना कर देती है। काव्या अनुपमा के सामने कहती है कि उसे इस वक्त उसकी जरुरत है। जब नहीं होगी तो वो उसे नहीं ले जाएंगे। अनुपमा साफ मना कर देती है कि वो नहीं जाएगी। काव्या की बात सुनकर बाबू जी और किंचल काफी परेशान हो जाते हैं।
काव्या ने की काका की बेइज्जती
अनुपमा ऑफिस आ रही है। ये बात सुनकर अनुज कपाड़िया काफी एक्साइटेड हो जाता है। वो खुद को तैयार करता है। ये देख काका जी अनुज को फिर छेड़ने लगते हैं। काव्या भी अनुज को इम्प्रेस करने के लिए बार-बार टचअप करने लगती है। काव्या और वनराज अनुज के ऑफिस पहुंचते हैं। काव्या को लगता है कि अनुज ऑफिस की कुर्सी पर बैठा है। तभी काका को देख वो अनुज को कहती है कि वो काफी कूल हैं कि उन्होंने काका को अपनी कुर्सी पर बिठाया हुआ था। तभी अनुज कपाड़िया काव्या को फटकार लगता है। अनुज बताता है कि उसके लिए काका मां-बाप सब हैं। अनुज को भड़क जाता है लेकिन काका उसे संभाल लेते हैं।
वनराज अनुपमा के बीच बहस
काव्या और वनराज के साथ अनुपमा को ना देख अनुज थोड़ा परेशान हो जाता है। तभी अनुपमा आ जाती है। जिसे देख अनुज काफी खुश हो जाता है। तभी अनुज का फोन आता है और वो उठ जाता है। वनराज अनुपमा से कहता है कि उनके साथ आने में उसकी इज्जत घट रही थी। अनुपमा बताती है कि उन्हें बाबू जी और किंचल भेजा है। अनुज वनराज और अनुपमा के बीच हुई बातों को सुन लेता है। काव्या प्रोजेक्ट को लेकर अनुज संग बात करने लगती है।
बाबू जी ने दी समर को सलाह
वहीं दूसरी ओर समर नंदनी से बात करने की कोशिश करता है। समर नंदनी के घर के बाहर जाता है, लेकिन वापस घर लौट आता है। तभी नंदनी घर से बाहर आती है। जिसे देख समर छुप जाता है। नंदनी समर के घर के बाहर रुक कर समर को देखने की कोशिश करती है, लेकिन समर छुप जाता है। ये बाबू जी देख लेते हैं और समर को सलाह देते हैं कि उसके नसीब में प्यार मिला है। तो उसे संभालकर रख। बाबू जी समर को बताते हैं कि उसकी मां को पति, बच्चे और परिवार सब मिला है, लेकिन प्यार नहीं मिला।
( Recap- काव्या, वनराज और अनुपमा अनुज कपाड़िया के ऑफिस से निकलने लगते हैं। तभी अनुज अनुपमा को रोक लेता है। ये देख वनराज गुस्सा हो जाता है। अनुपमा के ऑफिस से निकलने के बाद वनराज अनुपमा से पूछता है कि उसने क्यों उसे रोका था। अनुपमा बताती है कि डिब्बा लौटना था इसलिए रोका था। वनराज कहता है कि क्या वो डिब्बा हमारे सामने नहीं दे सकता था। )
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