हिंदू धर्म में होने वाले तमाम पूजा-पाठ में आपने चरणामृत का इस्तेमाल होते देखा होगा। ऐसा भी संभव है कि आपने चरणामृत का कई बार सेवन भी किया होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चरणामृत होता क्या है और पूजा-पाठ में इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है।हिंदू धर्म में चरणामृत के इस्तेमाल के बिना कोई पूजा-पाठ पूरा ही नहीं होता है।
क्यों दिया जाता है प्रसाद:
ऐसी मान्यता है कि चरणामृत के सेवन से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है। उस व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक भाव दूर हो जाते हैं और वह समृद्धि को प्राप्त करता है। सकारात्मकता आने से व्यक्ति नए उत्साह से भर जाता है और अपने भविष्य में नए लक्ष्यों की प्राप्ति में लग जाता है। इसके अलावा चरणामृत का पान करने वाले व्यक्ति पर सीधे भगवान की कृपा बरसती है। उस व्यक्ति के सारे कष्ट समाप्त हो जाते हैं और वह सुखों को प्राप्त करता है।
प्रसाद लेने का सही तरीका:
चरणामृत सदैव दाएं हाथ से ही ग्रहण करना चाहिए। इससे जीवन में शीतलता आती है। चरणामृत तांबे या फिर मिट्टी के बर्तन में बनाया जाता है। इसके लिए शीतल जल, तिल, दही, गुण, तुलसी का पत्ता और अन्य औषधीय तत्व मिलाए जाते हैं। तांबे में रखने से उसके पोषक तस्व चरणामृत में घुल जाते हैं। इस प्रकार से चरणामृत का सेवन स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत अच्छा है।
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