आपने हिंदू धर्म की सभी शादीशुदा महिलाओं को सिंदूर लगाते हुए अवश्य देखा होगा। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार सिंदूर को सुहागिन महिलाओं के सुहाग का प्रतीक माना जाता है। विवाह के समय भी सिंदूरदान की विधि का भी एक खास महत्व होता है, इसके बाद ही विवाह की विधि को पूर्ण माना जाता है। और एक बार विवाह हो जाने के पश्चात सभी सुहागिन महिलाओं का सिंदूर लगाना अनिवार्य होता है।
सिंदूर लगाते समय ना करे ऐसी गलतियां:
सुहागिन महिलाओं को इन नियमों का विधिपूर्वक पालन करना चाहिए, अन्यथा उनके जीवन में परेशा’नियां उत्पन्न होने लगती हैं। जो महिलाएं सिंदूर लगाने के नियमों का पालन नहीं करती है, ऐसी महिलाओं के पति को धन तथा स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
शादीशुदा महिलाओं को सदैव सिंदूर अपने पैसे से खरीद कर लगाना चाहिए। किसी अन्य के पैसे से खरीदा गया सिंदूर लगाने से बचना चाहिए।
शादीशुदा महिलाओं को किसी दूसरी महिला के सिंदूर को अपने मांग में भरने से बचना चाहिए। किसी दूसरी महिला के सिंदूर को मांग में भरना बहुत ही अशुभ होता है।
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