रक्षा बंध का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस त्योहार को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस साल राखी 22 अगस्त यानी आज है। आज के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई अपनी बहन को कुछ न कुछ उपहार देते हैं। इस साल राखी पर भद्रा का साया नहीं है। इसलिए बहनों को राखी बांधने के लिए लंबा समय मिलेगा। जानिए क्यों और कैसे मनाया जाता है राखी का त्योहार।
राखी का मुहूर्त:
रक्षा बन्धन रविवार 22 अगस्त 2021 को
रक्षा बन्धन अनुष्ठान का समय – 06:15 AM से 05:31 PM
अवधि – 11 घण्टे 16 मिनट
रक्षा बन्धन के लिये अपराह्न का मुहूर्त – 01:42 PM से 04:18 PM
अवधि – 02 घण्टे 36 मिनट
रक्षा बन्धन पर भद्रा समाप्ति समय – 06:15 AM
पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ – 21 अगस्त 2021 को 07:00 PM बजे
पूर्णिमा तिथि की समाप्ति – 22 अगस्त 2021 को 05:31 PM बजे
रक्षा बंधन से जुड़ी कथाएं: पौराणिक कथाओं के अनुसार एक समय देवों और असुरों के बीच युद्ध छिड़ गया था। इस युद्ध में देवों की हार हो रही थी। इस बात से परेशान होकर देवराज इंद्र अपने गुरु बृहस्पति के पास परामर्श लेने पहुंचे। इस दौरान इंद्र की पत्नी इन्द्राणी भी मौजूद थी। इंद्र की परेशानी सुनकर उनकी पत्नी ने उनसे कहा कि वह श्रावण की शुक्ल पूर्णिमा के दिन एक रक्षासूत्र तैयार करेंगी। इन्द्राणी ने इंद्र से इस रक्षासूत्र को ब्राह्मणों से बंधवाने के लिए कहा। इन्द्र ने अपनी पत्नी की बात मान ली और ऐसा करने पर देवताओं की विजय भी हुईं। कहा जाता है तभी से रक्षासूत्र बंधवाने की यह प्रथा प्रचलित है।
एक कथा के अनुसार सिकंदर की पत्नी ने सिकंदर के शत्रु पुरुराज की कलाई पर राखी बांधी थी ताकि युद्ध में उनके पति की रक्षा हो सके। अपनी कलाई पर बंधी राखी देख पुरुराज ने सिकंदर को नहीं मारा।
मान्यताओं के अनुसार द्रौपदी ने भगवान कृष्ण के हाथ पर लगी चोट पर अपनी साड़ी से कपड़ा फाड़कर बांधा था। तब श्री कृष्ण ने द्रौपदी को उनकी रक्षा का वचन दिया था।
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