अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का आश्वासन देने के कुछ दिनों बाद तालिबान के अधिकारियों ने अशांत हेरात प्रांत में सरकारी तथा निजी विश्वविद्यालयों में लड़के और लड़कियों के एक साथ पढ़ने पर रोक लगाते हुए इसे ‘‘समाज में सभी बुराइयों की जड़'' बताया। खामा प्रेस समाचार एजेंसी ने शनिवार को बताया कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों, निजी संस्थानों के मालिकों और तालिबान प्राधकारियों के बीच बैठक के बाद यह फैसला लिया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि महिला आध्यापिकाओं को केवल महिला छात्रों को पढ़ाने की अनुमति होगी और वे पुरुष छात्रों नहीं पढ़ाएंगी। फरीद ने सह-शिक्षा को ‘समाज में सभी बुराइयों की जड़' बताया। शिक्षाविदों ने बताया कि सरकारी विश्वविद्यालयों पर इस फैसले का असर नहीं पड़ेगा लेकिन निजी संस्थानों को संघर्ष करना पड़ेगा जो पहले ही महिला छात्रों की कमी से जूझ रहे हैं। आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, हेरात में निजी और सरकारी विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों में 40,000 छात्र और 2,000 व्याख्याता हैं।
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