गर्मी के दिनों में अधिक प्यास लगना कोई असामान्य बात नहीं है।जिसके कारण शरीर में पानी की भारी कमी हो जाती है, जिससे हम गर्मी के मौसम में तरल पदार्थ का सेवन अधिक करते हैं। इसके अलावा कसरत और मसालेदार सब्जी का सेवन भी आपको एक दिन में गैलन पानी पिला सकता है। लेकिन यदि बिना किसी कारण के आपका गला हमेशा सूखा रहता है यानि आपको बार बार प्यास लगती है। तो यह स्वास्थ्य संबंधी किसी बीमारी का भी संकेत हो सकता है। ऐसे में आपको तुरंत सावधान हो जाना चाहिए। आइए हम इस लेख के माध्यम से जानते हैं हमेशा गला सूखना या बिना किसी कारणवश बार बार प्यास लगना किस तरफ संकेत करता है। किन बीमारियों का इशारा हो सकती है बार-बार लगने वाली प्यास....
1. जब आपके शरीर में कोशिकाएं इंसुलिन प्रतिरोधी हो जाती हैं, तो किडनी को आपके रक्त से शर्करा निकालने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे आपको बार-बार वॉशरूम जाना पड़ता है, नतीजन आप प्यासे महसूस करते हैं और पहले की तुलना में अधिक तरल पदार्थ का सेवन करना चाहते हैं। आपको बता दें बार बार वॉशरूम जाना और अधिक प्यास लगना डायबिटीज के दो प्रमुख लक्षण हैं। ऐसी स्थिति होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें और डायबिटीज की जांच कराएं।
2. भारत में लगभग 60 प्रतिशत लोग एनीमिया से ग्रस्त हैं। आयरन की कमी एनीमिया का सबसे बड़ा कारण है, जब शरीर में आयरन की कमी होती है तो शरीर में खून बनना कम हो जाता है। शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने के कारण खून की कमी हो जाती है। धीरे धीरे यह एनीमिया जैसी भयावह बीमारी के रूप में तबदील हो जाता है। यह कई कारणों से हो सकता है जैसे खराब जीवनशैली और खानपान तथा रक्तस्त्राव। आपको बता दें निर्जलीकरण यानि बार बार प्यास लगना, गला सूखना एनीमिया का सामान्य संकेत है। इसके अन्य लक्षणों में थकान, चक्कर आना अधिक पसीना आना शामिल है।
3. हाइपरकैल्सीमिया में शरीर में कैल्शियम का स्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है। बार-बार प्यास लगना हाइपरकैल्सीमिया का सबसे पहला लक्षण हो सकता है। रक्त में कैल्शियम की अधिक मात्रा हड्डियों को कमजोर बना सकती है और गुर्दे में पथरी की संभावना को बढ़ा सकती हैं।
4. जब लाल ग्रंथियां पर्याप्त मात्रा में लार यानि सलाइवा नहीं बनाती हैं, तो इससे आपको अधिक प्यास लग सकती है। आपको बता दें यह समस्या कुछ दवाइयों के सेवन से या तंबाकू के उपयोग के कारण हो सकती है। शुष्क मुंह के अन्य लक्षणों में थकान, सासं में दुर्गंध, स्वाद में बदलाव, मसूड़ों में जलन और खाना चबाने में परेशानी शामिल है।
5. गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में कई लक्षण शामिल हैं। जिसमें दर्द महसूस करना सबसे पहले लक्षणों में से एक है। इस दौरान पूरे शरीर में रक्त प्रवाह का स्तर तेज हो जाता है, जो किडनी को अतिरिक्त तरल पदार्थ बनाने के लिए मजबूर करता है। एचसीजी हार्मोन के स्तर में वृद्धि और इसके साथ साथ शरीर के तरल पदार्थों में वृद्धि के कारण गर्भवती महिलाओं को बार बार वॉशरूम भागना पड़ता है। इससे आपको बार बार प्यास लगती है। बार बार वॉशरूम भागना गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक है।
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