अफगानिस्तान में गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे के पास हुए सीरियल बम धमाकों में अमेरिका के 13 जवानों की मौत हो गई है। काबुल एयरपोर्ट पर हुए दिल दहला देने वाले धमाकों में 12 अमेरिकी नौसैनिकों और एक नौसेना का चिकित्साकर्मी शामिल था। हालांकि, इन बम धमाकों में अब तक कुल 72 लोगों के मारे जाने की खबर है। हालांकि, इन धमाकों के बाद भी अमेरिका अपना निकासी अभियान नहीं रोकेगा। राष्ट्रपति जो बाइडन ने ऐलान किया है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को निकालने का काम जारी रहेगा।
काबुल बम धमाकों के बाद आतंकियों को खुलेआम चुनौती देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, 'हम माफ नहीं करेंगे। हम नहीं भूलेंगे। हम चुन-चुनकर तुम्हारा शिकार करेंगे और मारेंगे। आपको इसका अंजाम भुगतना ही होगा।' उन्होंने आगे कहा कि काबुल हवाईअड्डे पर हुए हमलों में तालिबान और इस्लामिक स्टेट के बीच मिलीभगत का अब तक कोई सबूत नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि हम अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को बचाएंगे। हम अपने अफगान सहयोगियों को बाहर निकालेंगे और हमारा मिशन जारी रहेगा।
इधर, दो अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी सेना के 60 से अधिक जवान घायल हुए हैं और इनकी संख्या बढ़ सकती है। वहीं, रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हवाईअड्डे के पास दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों ने भीड़ को निशाना बनाकर हमला किया, जिसमें कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं। हालांकि, यह साफ नहीं हो सका कि रूसी अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए मृतकों के आंकड़ों में मारे गए अमेरिकी नौसैनिकों की संख्या शामिल है या नहीं।
अफगानिस्तान में अस्पतालों का संचालन करने वाली इटली की एक संस्था ने कहा कि वे हवाईअड्डे पर हमले में घायल 60 लोगों का उपचार कर रहे हैं जबकि 10 घायल ऐसे थे जिन्होंने अस्पताल लाने के दौरान दम तोड़ दिया। अफगानिस्तान में संस्था के प्रबंधक मार्को पुनतिन ने कहा कि सर्जन रात में भी सेवा देंगे। उन्होंने कहा कि घायलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
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