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Anupama 30th August Written Update: शाह परिवार की लगी 5 करोड़ की लॉटरी, बाबू जी के दर्द को अनदेखा करके वनराज लेगा बड़ा फैसला


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नई दिल्ली। इन दिनों अनुपमा सीरियल में काफी दिलचस्प ट्विस्ट देखने को मिल रहे हैं। कारखाना सील होने से अनुपमा बचा तो लेती है। वहीं अब कारखाने को लेकर एक बड़ी डील वनराज के हाथ लगी है। शो में एक नए शख्स की एंट्री होने वाली है। जो शाह परिवार का वक्त बदल देगा। जिसे लेकर अनुपमा काफी चिंता में है। कारखाने से जुड़ी यादों को लेकर बॉ और बाबू जी भी काफी दुखी है। इस बीच काव्या और वनराज आने वाले पैसों से अपनी नई जिंदगी की प्लानिंग में जुट गए हैं।

बाबू जी समझाया वनराज को

वनराज अनुपमा कोसते हुए बॉ के पास जा रहा होता है। तभी बाबू जी वनराज को रोक लेता है। बाबू जी कहते हैं कि वो बॉ को समझा लेंगे। वनराज बाबू जी से कहता है कि वो आज तो अनुपमा का साथ छोड़कर बॉ का साथ दे। बाबू जी वनराज को समझाते हैं कि उन्होंने अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते हैं। उसकी मां ने उन्हें सारी खामियों के साथ अपनाया है। तो उन्होंने भी उसकी मां की खामियों की वजह से उन्हें प्यार करना नहीं छोड़ा है। बाबू जी वनराज को कहते हैं कि जिंदगी में कई बार ऐसे पल आते हैं जब लोगों को जिंदगी में नीम का कड़वा स्वाद चखना होता है।

आज अनुपमा को पूरा परिवार कोस रहा है, लेकिन अगर वो पैसे नहीं लाती तो कारखाना सील हो जाता। डांस एकेडमी, कैफ सब बंद हो जाता। बाबू जी वनराज से कहते हैं कि वो उसकी मां को समझा लेंगे। बाबू जी के जानें के बाद वनराज गुस्सा करता है और अपने बुरे वक्त को कोस रहा होता है।

बॉ ने दी बाबू जी को मरने की धमकी

बाबू जी बॉ के पास आते हैं। जहां वो गुस्से में बैठीं होती हैं। बॉ बाबू जी के सामने शिकायत करते हुए कहती हैं कि ये घर उनका था। वो घर की पहली बहू थी। आज अनुपमा और उन्होंने उनसे अपने सारे हक छीन लिए। बॉ बाबू जी से कहती है कि आज राखी दवे उनके ही घर में आकर उन्हें नीचा दिखाती है। बॉ साफ शब्दों में बाबू जी से कहती हैं अगर उनका बेटा घर से बेघर हुआ या उनका घर उनसे छीना तो सब उनका मरा हुआ चेहरा देखेंगे। बाबू जी हैरान हो जाते हैं।

वनराज-अनुपमा के पास आया कारखाने का बड़ा ऑफर

डांस एकेडमी में अनुपमा काफी परेशान होती है। वो समर और नंदनी संग प्लानिंग कर रही होती है कि कैसे उन्हें 20 लाख रुपए जोड़ने हैं। राखी दवे से जल्द से जल्द घर वापस लेना है। अनुपमा ज्यादा से ज्यादा काम करने की बात कहती है। समर और नंदनी अनुपमा को सब ठीक होने की हिम्मत देते हैं। तभी कैफे में एक शख्स आता है और पूछता है कि हंसमुख शाह से मिलना है। वनराज और अनुपमा कहते हैं कि वो उनके बच्चे हैं। तभी वो शख्स वनराज के हाथों में एक लेटर थमा देता है। वनराज वो लेटर पढ़ता है।

 

कारखाने को बेचने पर मिलेगी 5 करोड़ की बड़ी रकम

लेटर पढ़कर वनराज काफी हैरान हो जाता है। वनराज अनुपमा को बताता है कि कोई बिजनेसमैन उनकी जगह पर फाइव स्टार होटल बनाना चाहता है। वो इस जगह के उन्हें 5 करोड़ रुपए देगा। ये बात सुनकर अनुपमा हैरान हो जाती है। अनुपमा वनराज को ठीक से पेपर्स पढ़ने को कहती है। वनराज बताता है कि कोई अनुज कपाड़िया है। जो उनकी जमीन पर काम शुरु करने जा रहा है। अनुज कपाड़िया का नाम सुनकर अनुपमा हैरान हो जाती है।

सौदा करने पर जिद्द करने लगा वनराज

वनराज बॉ, बाबू जी और परिवार के साथ इस डील पर बातचीत करता है। वनराज बताता है कि कैसे कारखाना को 5 करोड़ में बेचने के बाद उनकी जिंदगी सुधर जाएगी। बाबू जी अनुपमा को बुलाने के लिए कहते हैं लेकिन वनराज मना कर देता है। वनराज बाबू जी पर दबाव लड़ता है। ये देख बाबू जी भांप लेते हैं कि पैसा आते हैं सब बदल जाएगा। बाबू जी वनराज को कारखाना बेचने को कह देते हैं। ये बात सुनकर वनराज, काव्या, और तोषो बहुत खुश हो जाते हैं और पहले की ही तरह वनराज तोषो को लेकर निकल जाता है।

उदास हुई अनुपमा

अनुपमा अकेले एक पार्क में बैठी होती है। अकेले बैठे हुए उन तमाम बातों के बारें में सोचती है जो उसके साथ हाल फिलहाल में घटित हुआ है। अनुपमा कहती है कि वक्त है ये भी बदलेगा। वहां 5 करोड़ की खुशी में वनराज और काव्या अपनी आगे की जिंदगी को लेकर प्लानिंग करना शुरू कर देते हैं। वनराज कहता है कि पैसे आने के बाद वो बड़ा सा कैफे खुलेगा। काव्या भी वनराज से कहती है कि वो भी काम नहीं करेगी। अपना खुद का कोई काम शुरू करेगी। ये बात सुनकर वनराज उसे सपोर्ट करता है। वनराज बच्चों और परिवार के लिए भी सेविंग करने की बात कहता है।

नंदनी की जिंदगी में हुई अनजान शख्स की एंट्री

नंदनी अपने घर आ रही होती है। तभी उसके पास कोई फोन आता है। जिसे सुनकर वो घबरा जाती है। तभी वो देखती है कि समर उसके पास आ रहा होता है। समर नंदनी से पूछता है कि जब से वो फोन आया है। तभी से वो परेशान है। समर नंदनी को समझाता है कि उसके हर एक पल में शामिल है। नंदनी समर को सॉरी कहती है कि वो एकेडमी पर चिल्लाई थी। समर नदंनी को कहता है कि जो फोन उसे आया था। वो किसी कंपनी से नहीं था। लेकिन जब उसे ठीक लगे तब वो अपने दिल की बात कह सकती है। समर नदंनी से घर चलने की बात कहता है। लेकिन नंदनी मना कर देती है।

कारखाने से जुड़ी यादों को लेकर परेशान बॉ-बाबू जी

बॉ और बाबू जी कारखाना के बेचने पर बात कर रहे होते हैं। बॉ बाबू जी से पूछती है कि को कारखाने के जानें से परेशान है। बाबू जी बताते हैं कि मिट्टी और पत्थरों का कोई मोल नहीं है। बाबू जी बतातें हैं कि कैसे ये कारखाना उनके पिता ने उन्हें दिया था। उनके पिता उस कारखाने में चुन्नी में रंग भरने का काम करते थे। बाबू जी बतातें थे कि वो भी दुकान पर जाते थे । बॉ समझाती है कि मुसीबत में अक्सर गहने और घर ही काम आते हैं। लेकिन अपनी कोई चीज जाती है तो आंखों में नमी आ ही जाती है।

( Precap- काव्या राखी दवे के हाथ में 20 लाख के साथ ब्याज़ का एक चैक थमा देती है और घर से उसके नाम की प्लेट को फेंक देती है। वनराज काव्या से कहता है कि ये चैक दो दिन बाद देना था। राखी दवे कहती है कि अगर चैक बाउंस हुआ तो उससे बुरा कोई नहीं होगा। तभी काव्या और वनराज अनुज कपाड़िया के ऑफिस जाते हैं। जहां उन्हें एक लेटर मिलता है। जिसे पढ़कर काव्या और वनराज हैरान हो जाते हैं।)



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