नई दिल्ली। काफी समय से अनुपमा और उसकी बेटी पाखी के बीच मनमुटाव चल रहा है। पाखी काव्या का हाथ थामे अपनी मां को नीचा दिखाने की पूरी कोशिश करती है। लेकिन डांस कॉम्पिटिशन के दौरान काव्या कहीं चली जाती है और पाखी अकेले पड़ जाती है। पाखी की हालत देख अनुपमा खुद को रोक नहीं पाती और उसके पास जाती है। मां को अपने करीब देख पाखी को अपनी गलती का एहसास होता है। जानें क्या अनुपमा दिला पाएगी अपनी बेटी पाखी को ट्रॉफी? जानें क्या होगा आज रात अनुपमा के लेटेस्ट एपिसोड में।
अनुपमा ने थमा पाखी का हाथ
बेहोश हो रही पाखी को अनुपमा सहारा देती है। ये देख पाखी कहती है कि आप। अनुपमा बताती है कि उसने बहुत कोशिश की वो चली जाए लेकिन वो नहीं जा पाई। अनुपमा पूछती है कि सब ठीक? काव्या कहां है? पाखी रोते हुए कहती है कि कुछ भी ठीक नहीं है। काव्या उसे लास्ट में छोड़कर चली गई। ये सुनकर अपना काफी गुस्सा हो जाती है और कहती है कि काव्या की इतनी हिम्मत कि वो उसे ऐसे छोड़कर चली गई।
पाखी को अपनी गलती का एहसास होता है और वो गले लगाकर खूब रोती है। वो कहती है कि उसने उसके साथ गलत किया था। इसलिए उसके साथ भी गलत हो रहा है। तोषो भी डांस परफॉर्मेंस देखने आ जाता है।
काव्या की जगह अनुपमा को देख हैरान परिवार वाले
स्कूल टीचर पर आती है कि और कहती है कि टेक्निकल प्रॉब्लम सही हो गई है। 5 मिनट में परफॉर्मेंस होगी। अनुपमा समर को फोन मिलाती है और गाना को बदलने को कहती है। समर नंदनी काफी कंफ्यूज होते हैं कि वो मां ने गाना बदलने को कहा? पाखी का नाम अनाउंस होता है तो स्टेज पर काव्या की जगह पाखी के साथ अनुपमा को देख पूरा परिवार हैरान हो जाता है। अनुपमा और पाखी का डांस शुरू होता है। किंचल पूछती है कि इस गाने पर पाखी और अनुपमा ने कब प्रेटिक्स की थी?
बाबू जी बताते हैं कि जब पाखी 5 साल की थी। तब अनुपमा ने सिखाया था। बॉ कहती है कि ये पाखी की उम्र है। जो वो अपनी मां से भाग रही है। तभी काव्या पाखी और अनुपमा को डांस कर देख चिढ़ जाती है और गुस्सा हो जाती है।
पाखी ने सबके सामने मां अनुपमा से माफी
पाखी और अनुपमा की डांस परफॉर्मेंस खत्म होते ही सभी जोरों से तालियां बजाने लगते हैं। तभी पाखी माइक लेती है। बॉ पाखी को सपोर्ट करते हुए कहती हैं कि जो मन में है वो बिना डरे के बोले। पाखी अनुपमा को सबके सामने सॉरी बोलती है। पाखी कहती है कि उसका समर जो हमेशा ये कहता है कि उसमें दिमाग नहीं है? जो कि बिल्कुल सच है। पाखी कहती है कि उसने अपने परिवार वालों और खासकर अपनी मां का बहुत दिल दुखाया है। पाखी सबको बताती है कि उससे ये गलती पहले भी ऐसी गलती कर चुकी है। फन फेयर में भी उसने ये गलती उससे हुई थी।
पाखी कहती है कि वो नहीं जानती कि क्यों वो ऐसा करती हैं? लेकिन वो जानती थीं कि वो गलत कर रही हैं? अक्सर वो अपने दोस्तों के साथ बैठकर इन बातों पर बात भी करती हैं। वो भी इन सब बातों से गुजर रहे हैं। पाखी बताती है कि उनके सारे दोस्तों भी यही मानते हैं कि हर बार गुस्सा मां पर ही उतरता है। पाखी अनुपमा से कहती है कि वो चाहती तो मारकर वो उन्हें सबक सीखा सकती थीं, लेकिन उन्होंने अपने प्यार से उनको सुधारा।
पाखी जज से कहती है कि उन्होंने इस कॉम्पिटिशन का रूल तोड़ा है। ऐसे में वो इस कॉम्पिटिशन से बाहर होती हैं। तभी मैम पाखी और अनुपमा को उनके डांस के लिए मुबारकबाद देती हैं और कहती हैं जैसे की पाखी ने कहा कि वो उन्होंने डांस का रूल तोड़ा है। ऐसे में वो कॉम्पिटिशन से बाहर होती है।
स्कूल ने बड़ा फैसला
पाखी और अनुपमा को बाहर निकालने की बात सुनकर सभी बच्चे उन्हें वापस से कॉम्पिटिशन में लेने की बात कहते हैं। जिसे सुनकर जज फैसला लेते हैं कि उन दोनों को उस कॉम्पिटिशन का हिस्सा समझा जाएगा। मैडम कॉम्पिटिशन के रिजल्ट को अनाउंस करती हैं। जिसमें अनुपमा और उसके ग्रुप को जीत हासिल होती है। साथ ही पाखी और अनुपमा को भी ये कहते हैं ट्रॉफी दे जाती है कि मां से बड़ा कोई गुरू नहीं होता है। ये सुनकर पाखी और अनुपमा बहुत खुश हो जाते हैं। पाखी और अनुपमा ट्रॉफी लेने के लिए जाते हैं।
तभी अनुपमा की नज़र काव्या पर पड़ती है। काव्या ये देख घबरा जाती है। उसे लगता है कि वो सबके सामने उसे थप्पड़ मारने उसके पास आ रही है। बॉ देख काफी खुश हो जाती है कि अनुपमा काव्या को थप्पड़ लगाएगी। अनुपमा काव्या को स्टेज की ओर लेकर जाती है। ये देख वनराज भी घबरा जाता है कि और मन ही मन सोचता है कि वो सबके सामने ऐसा कुछ ना करें।
( Precap- तोषो पूरे परिवार और वनराज से कहता है कि इस घर में किसी भी उड़ने की आजादी नहीं है। वनराज कहता है कि उसे पर और आसमान उन्होंने ही दिए हैं। ये सुनकर तोषो कहता है कि वो उन्हें बता दें कि कितना खर्चा हुआ वो ब्याज के साथ सारे पैसे वापस दे देंगे। ये सुनकर अनुपमा तोषो को चुप रहने को कहती है। वनराज गुस्से में कहता है कि वो पैसे वापस लौटाना चाहता है तो वो अपनी मां के आंसुओं, उसके पसीनों और बॉ-बाबू जी की दुआओं का कर्ज चुकाए।)
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