अफगानिस्तान में तालिबानियों का आतंक गहराता जा रहा है। चारों तरफ कत्लेआम और हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे। हर दिन अलग-अलग शहरों पर तालिबानी कब्जा कर रहे हैं। इस बीच अफगानिस्तान में तेजी से तालिबान का कब्जा बढ़ने के साथ ही अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने शुक्रवार को 3,000 और सैनिकों को काबुल हवाईअड्डे पर पहुंचाया ताकि वहां अमेरिकी दूतावास से अधिकारियों को निकालने में मदद मिल सके।
अफगानिस्तान में तालिबानियों ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया है। तालिबान ने देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर कंधार और काबुल के निकट युद्ध नीति के रूप से सबसे महत्वपूर्ण एवं राजधानी और देश का तीसरे सबसे बड़ा शहर हेरात के साथ-साथ तालिबानियों ने 34 प्रांतीय राजधानियों में से 11 पर कब्जा कर लिया है।
अफगानिस्तान में तेजी से बदलते हालात, काबुल के निकट सामरिक रूप से तालिबानियों का कब्जा और तालिबान की मजबूत होती पकड़ को देखते हुए अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपनी सेना भेजने का फैसला लिया है। यह फैसला अफगानिस्तान की सेना को सहारा देने के लिए नहीं बल्कि काबुल में स्थित अपने दूतावास के कर्मचारियों, नागरिकों और स्पेशल वीजा आवेदकों को वहां से निकलने लिया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व वाली सरकार के एक अधिकारी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी । अमेरिकी रक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया कि 3000 सैनिक अफगानिस्तान से अमेरिकी कर्मचारियों और नागरिकों की रक्षा और उनकी सुरक्षित निकासी के लिए भेजे हैं।
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