सवाल : मैं एक 34 वर्षीय युवती हूं। मेरी शादी को पांच साल हो गए है। पिछले तीन-चार महीने से जब भी मैं अपने पति के साथ फिजिकल रिलेशन बनाती हूं, तो मुझे बहुत तकलीफ होती है। मैंने अपनी शादीशुदा सहेलियों से सुना है कि उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं की योनि में
लुब्रिकेशन की समस्या होने लगती है, जिसके कारण सेक्स के दौरान परेशानी होती है। मैं जानना चाहती हूं कि मेरी इस समस्या का हल क्या है? ऐसा कौन-सा तरीका है, जिससे मैं दोबारा सेक्स को एन्जॉय कर सकती हूं? कृपया जानकारी दें।
जवाब : आमतौर पर वेजाइना में ड्राइनेस का कारण एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी का होना है। हालांकि ऐसा उम्र बढ़ने के साथ मेनोपॉज के बाद, ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिला या हेल्थ संबंधी समस्या से जूझ रही महिलाओं में होता है। स्विमिंग पूल में इस्तेमाल होने वाले केमिकल भी वेजाइना में ड्राईनेस का कारण बन सकता है।बहुत-सी महिलाएं वेजाइना को साफ करने के लिए साबुन का इस्तेमाल करती हैं। ऐसा करने से वेजाइना का नेचुरल बैलेंस बिगड़ जाता है और इसमें ड्राइनेस आ जाती है। एस्ट्रोजन हार्मोन का काम वेजाइना टिश्युओं को हेल्दी रखने के साथ-साथ वेजाइना में लुब्रिकेशन और इलास्टिसिटी को बनाये रखना है। लेकिन एस्ट्रोजन लेवल कम होने पर वेजाइना में ड्राईनेस आने लगती है।
कम उम्र की महिलाओं में वेजाइनल ड्राइनेस होने पर होनेवाली समस्याएं
अगर यह प्रॉब्लम कम उम्र की महिलाओं को होने लगे तो इससे उन्हें वेजाइनल डिस्चार्ज, खुजली, जलन, सेक्स के दौरान दर्द और हल्की ब्लीडिंग जैसी समस्या होने लगती है। इसलिए कम उम्र की महिलाओं में वेजाइनल ड्राईनेस की समस्या होने पर इसका समय रहते इलाज किया जाना बहुत जरूरी है।
लुब्रिकेंट्स का इस्तेमाल क्यों हैं जरूरी?
एक महिला के अंदर जब सेक्स के लिए कामेच्छा उत्पन्न होती है, तो उसके यौनांग में नेचुरल लुब्रिकेशन होने लगता है। इस लुब्रिकेशन की मदद से सेक्स करने में आसानी होती है। यदि वेजाइना में ड्राईनेस है, तो लुब्रिकेशन के बिना इंटरकोर्स करना दर्दनाक हो सकता है और यह वेजाइनल लाइनिंग को भी क्षति पहुंचा सकता है, जिससे जख्म होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जरूरी है कि सेक्स के दौरान लुब्रिकेशन का इस्तेमाल किया जाए।
लुब्रिकेंट्स का इस्तेमाल हर कोई कर सकता है
लुब्रिकेंट्स का इस्तेमाल हर कोई कर सकता है, चाहे नेचुरल लुब्रिकेशन हो या न हो। लेकिन वेजाइनल ड्राईनेस की समस्या होने पर लुब्रिकेंट का इस्तेमाल आपके लिए काफी हेल्पफुल हो सकता है। कुछ लुब्रिकेंट्स ऐसे भी होते हैं, जो सेक्सुअल फंक्शन और उत्तेजना को और बढ़ा देते हैं। सेक्स के दौरान अपने पार्टनर संग कुछ रोमांचक करने की इच्छा हो, तो वेजाइनल लुब्रिकेंट्स आपकी मदद कर सकते हैं।
लुब्रिकेंट्स के विभिन्न प्रकार
हर व्यक्ति की यौन संबंधी जरूरतें अलग होती हैं, इसलिए इन जरूरतों के हिसाब से मार्केट में विभिन्न प्रकार के लुब्रिकेंट्स मौजूद हैं।
ऑयल बेस्ड लुब्रिकेंट्स : ये दो प्रकार के होते हैं- नेचुरल और सिंथेटिक। नेचुरल ऑयल बेस्ड लुब्रिकेंट्स नारियल तेल या बटर के बने होते हैं, जबकि सिंथेटिक वाले मिनरल ऑयल या वैसलीन के। इनकी कीमत कम होती है, ये इस्तेमाल करने के लिहाज से भी सुरक्षित होते हैं और मार्केट में आसानी से उपलब्ध भी होते हैं।
वॉटर बेस्ड लुब्रिकेंट्स : ये सबसे कॉमन लुब्रिकेंट्स हैं, दो प्रकार में उपलब्ध हैं। एक वैरायटी में ग्लिसरीन होता है और इसका स्वाद थोड़ा मीठा होता है, जबकि दूसरी वैरायटी बिना ग्लिसरीन वाला होता है। लंबे समय तक सुरक्षित रहनेवाले ये लुब्रिकेंट्स बेहद किफायती होते हैं और कंडोम के साथ इन्हें कंफर्टेबली इस्तेमाल किया जा सकता है।
सिलिकॉन बेस्ड लुब्रिकेंट्स : ये सबसे बेहतरीन लुब्रिकेंट्स हैं, क्योंकि ये लंबे समय तक चलते हैं। स्मूथ और गंधहीन सिलिकॉन बेस्ड लुब्रिकेंट एक बार लगाने पर लंबे समय तक टिका रहता है। इन्हें लेटेक्स कॉन्डम के साथ ही उपयोग करना चाहिए। शॉवर सेक्स के दौरान सिलिकॉन बेस्ड लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करना अच्छा रहता है, क्योंकि शॉवर के नीचे पानी में भी यह लंबे समय तक टिका रहता है।
लुब्रिकेंट्स से साइड इफेक्ट्स
हालांकि ज्यादातर लुब्रिकेंट्स से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। फिर भी ऐसा हो सकता है कि लुब्रिकेंट में कोई ऐसा तत्व मौजूद हो, जिससे एलर्जी हो जाए। अगर आपको स्किन पर रैशेज़ पड़ना, खुजली होना, जीभ, गले या चेहरे पर सूजन या सांस लेने में तकलीफ होने जैसी कोई समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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