सवाल : मैं एक 24 वर्षीय वर्किंग गर्ल हूं। अक्टूबर महीने में मेरी शादी होनी है। मैंने अपनी सहेलियों से सेक्स के दौरान चरम सुख प्राप्त करने के बारे में बहुत सुना है। मैं जानना चाहती हूं कि शादी के बाद सेक्सुअल रिलेशन के दौरान मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे चरम सुख की प्राप्ति हुई है। क्या इसके लिए सेक्स के दौरान कोई तरीका अपनाना पड़ता है ?
ऑर्गेज्म पाने के बाद मैं इसे किस प्रकार महसूस कर सकती हूं? कृपया जानकारी दें।
जवाब : जैसे इंसान को भूख और प्यास लगती है, उसी तरह सेक्स की जरूरत उसके शरीर की कामेच्छा की पूर्ति के लिए होती है। जिस प्रकार भोजन और पानी मिलने पर हमें तृप्ति का अहसास होता है, ऐसी ही तृप्ति सेक्स के बाद शरीर को होती है। यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि सेक्स की जरूरत शरीर में खास तरह के हॉर्मोन बनने के बाद होती है।दरअसल, वयस्क होने के बाद शरीर में सेक्स हॉर्मोन का बहाव तेज होता है। इस हॉर्मोन की वजह से कामेच्छा बहुत तेज हो जाती है। जब कामेच्छा तेज हो तो इसकी संतुष्टि भी बहुत जरूरी होती है।
कामेच्छा जागृत होने पर महिला का सेक्सुअल ग्राउंडिंग में प्रवेश करना
जब किसी महिला में कामेच्छा जागृत होती है, तो वह यौन अवस्था यानी "सेक्सुअल ग्राउंडिंग" में प्रवेश करती है। यह वह अवस्था है, जब महिला सेक्सुअल सेंसेशन को महसूस करती है यानी उसकी कामेच्छा जाग जाती है। इस स्थिति में उसके जननांगों में ब्लड सर्कुलेशन तेज हो जाता है, जो महिलाओं की योनि में चिकनाहट (लुब्रिकेंट) के रूप में महसूस होता है। इससे आगे एक्साइटमेंट बढ़ने पर कामोत्तेजना में बढ़ोतरी होती है। जब वह चरमसीमा पर पहुंचती है, तो उसे ऑर्गेज्म या चरम अवस्था पर पहुंचना भी कहा जाता है। सेक्स कामोत्तेजना के लक्ष्य को पूरा करने का महत्वपूर्ण रास्ता है। जब यह सफर पूरा हो जाता है, तो संतुष्टि महसूस होती है। सहवास के दौरान उत्तेजना की संतुष्टि जरूरी है।
क्या होता है फीमेल ऑर्गेज्म
ऑर्गेज्म यानी क्लाइमैक्स का शब्दों में वर्णन मुश्किल है। इस अवस्था में, सेक्सुअल उत्तेजना के समय, हमारा सिस्टम सेक्सुअल ऑर्गन्स की ओर ज्यादा ब्लड भेजने लगता है, जिसके कारण आमतौर पर महिलाओं का पल्स रेट तेज हो जाता है, सांसें तेज हो जाती हैं, उत्तेजना के चरम पर उनकी योनी की मसल्स में ऐंठन होने लगती है और जननांग में लयबद्ध संकुचन होने लगता है, इससे उन्हें एक प्रकार की संतुष्टि महसूस होती है। जिसे बायोलॉजिकल शब्दों में ऑर्गेज्म कहा जाता है। हालांकि जननांग में संकुचन का लयबद्ध होना ही ज्यादातर मुख्य संकेत होता है, पर ऐसा हरेक के साथ नहीं होता। ऑर्गेज्म प्राप्ति के बाद शरीर वापस अपनी स्थिति में लौट आता है और दिल की धड़कन, तेज सांसें और ब्लड प्रेशर का लेवल सामान्य हो जाता है।
महिलाओं के लिए क्लाइमैक्स पर पहुंचना सबसे बड़ी तृप्ति की अवस्था
सेक्स के दौरान क्लाइमैक्स पर पहुंचना सबसे बड़ी तृप्ति की अवस्था होती है, जिसमें ऑर्गेज्म पाने के बाद वह शांत हो जाती है। जिससे महिला को अहसास होता है कि वह ऑर्गेज्म तक पहुंच चुकी हैं। अगर उसे ऐसा अहसास होता है, तो समझ लें कि उसे ऑर्गेज्म की अवस्था हासिल हो गई है।
ऑर्गेज्म प्राप्ति के बाद महिला और पुरुष में दिखते हैं अलग-अलग लक्षण
सेक्स के दौरान पुरुषों को ऑर्गेज्म की प्राप्ति इजेकुलेशन यानी शरीर से वीर्य निकलने के साथ होता है, जिसके बाद वे थकान और आलस महसूस करने लगते हैं। जबकि महिलाओं में इसके विपरीत होता है। महिलाएं ऑर्गेज्म पाने के बाद संतुष्टि और आराम का अनुभव करती है। एक बार ऑर्गेज्म पाने के बाद भी महिलाएं दोबारा सेक्स की क्रिया में हिस्सा ले सकती हैं और एक से अधिक बार ऑर्गेज्म तक भी पहुंच सकती हैं। मल्टीऑर्गेज्म का अनुभव लगभग 10 से 12 प्रतिशत महिलाओं को होता है, जो बिना रुकावट के एक के बाद एक होता जाता है।
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