राजस्थान की गहलोत सरकार कोरोना महामारी की तीसरी लहर को लेकर काफी सजग नज़र आ रही है। इसी के मद्देनज़र राजस्थान में राज्य सरकार ने सभी तरह के धार्मिक आयोजनों जैसे- जुलूस, मेला, शोभायात्रा व अन्य भीड़ जुटने वाले कार्यक्रम पर पूरी सख्ती से रोक लगा दी है। इसी आदेश के जरिए अब सावन में होने वाली कांवड़ यात्रा पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा 21 जुलाई को ईद-उल-जुहा के मौके पर सार्वजनिक नमाज और मेल-जोल के सभी कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है।
धार्मिक आयोजनों को लेकर राजस्थान गृह विभाग ने शुक्रवार को नई गाइडलाइंस जारी की हैं। धार्मिक कार्यक्रमों पर यह रोक 17 जुलाई यानी आज ही से लागू हो गई है। इस रोक के तहत राज्य में लगने वाले मेलों के आयोजन पर भी फ़िलहाल प्रतिबंध लगा दिया गया है। नई गाइडलाइन के मुताबिक हर धर्म के उन धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक रहेगी, जिसमें भीड़ जुटती है। इसी के तहत अब जैन धर्म के चातुर्मास के दौरान भी भीड़भाड़ वाले धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है। इस आयोजन में सम्मिलित होने के लिए विश्वभर से श्रद्धालु आते हैं। वर्तमान में कोरोना की परिस्थितियों के मद्देनजर अत्यधिक भीड़-भाड़ की संभावना को देखते हुए किसी भी सार्वजनिक एवं धार्मिक स्थान पर भीड़-भाड़ ए आयोजन करने की अनुमति नहीं होगी।
बता दें कि अनलॉक-4 में भी धार्मिक आयोजनों में भीड़ जुटाने, मेलों और धार्मिक यात्राओं और किसी भी तरह के जुलूस पर पाबंदी थी। हालांकि कांवड़ यात्रा और ईद-उल-जुहा को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे। इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए ही गृह विभाग ने नए सिरे से गाइडलाइन जारी कर साफ तौर से पाबंदी लगाने का प्रावधान किया है। धार्मिक आयोजनों के अलावा बाकी सभी मामलों में अनलॉक की पुरानी गाइडलाइन लागू रहेगी।
गृह विभाग ने नई गाइडलाइन में स्विमिंग पूल पहले की तरह ही बंद रखने का प्रावधान किया है। फिलहाल स्विमिंग पूल खोलने की अनुमति नहीं है। गाइडलाइन के मुताबिक सार्वजनिक उद्यान सुबह 5:00 से शाम 4:00 बजे तक खोलने की अनुमति होगी। जिन व्यक्तियों ने वैक्सीन की प्रथम डोज लगा ली है उन्हें शाम 4:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक सार्वजनिक उद्यान में जाने की अनुमति होगी।
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