प्यार एक अजीब अहसास है जिसका अहसास इंसान को धीरे धीरे होने लगता है। एक छोटा सा मासूम बच्चा भी प्यार की भाषा जन्म से ही समझता है। बचपन से ही सभी को प्यार मिले तो खुशी होती है और थोड़ा बड़ा होने पर किसी को प्यार जताना भी आ जाता है। लेकिन कई बार ऐसा भी हो सकता है कि आपके प्यार जताने का तरीका अलग हो, जो दूसरों को समझ ही नहीं आए।
तो समझ लें हो गया है प्यार
# जहां सच्चा प्यार, वहां डर की कोई जगह नहीं। जहां सच्चा प्यार होता है, वहां आप अपने साथी से हर छोटे-बड़े विषय पर बिना डरे बात कर सकते हैं।
# प्यार जरूरत नहीं, प्यार चाहत है। जब आप किसी को अपने अकेलेपन के डर से बचने के लिए अपने जीवन में चाहते हैं, तब वो प्यार नहीं है। तब वह व्यक्ति सिर्फ आपके डर का विकल्प है।
# भावनाओं को केवल मन में नहीं रखते, ज़ाहिर भी करते हैं। प्यार शुरू जरूर भावनाओं से होता है लेकिन यह उससे आगे भी बढ़ता है। एक समय लगता है मानो आप 7वें आसमान पर हों और वही रहना चाहते हों।
# प्यार की पहचान हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकती है। आपको समझना होगा कि आपका साथी प्यार को किस रूप में पहचानता, समझता या अनुभव बेहतर कर पाता है।
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