आमतौर पर छह साल की उम्र तक बच्चा पूरी तरह पैरंट्स के साये में जीता है। वह पैरंट्स की सभी बातों को सही मानते हुए उन्हें फॉलो करता है। लेकिन इस उम्र से आगे निकलने के बाद बच्चे में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं, जिन्हें पहचानना और समझना पैरंट्स के लिए जरूरी है। सेक्स भी इस उम्र का अभिन्न भाग है ।
कॉन्डोम के इस्तेमाल करने का तरीका सही हो तो इसके उपयोग से किसी प्रकार का कोई नुकशान नही होता है।रिसर्चर्स के मुताबिक, सेक्सुअल एक्साइटमेंट्स से जुड़ी समस्याएं कंडोम इस्तेमाल करने की वजह से नहीं, बल्कि कंडोम का इस्तेमाल करने के तरीके की वजह से होती हैं।
क्या होती है परेशानियाँ:
# सेक्सुअल एक्साइटमेंट: महिला साथियों के साथ सेक्स करने वाले 18 से 24 आयुवर्ग के बीच के 479 पुरुषों पर किए गए स्टडी में जिन पुरुषों में कंडोम की वजह से सेक्सुअल एक्साइटमेंट समस्याएं पाई गईं, उन प्रतिभागियों ने कभी कंडोम के सही इस्तेमाल के बारे में कोई ट्रेनिंग नहीं लिया था।
# वजाइना में जलन: स्त्रियां कॉन्डम की वजह से वजाइना में जलन महसूस करती हैं। कई स्त्रियों को इसकी वजह से वजाइना में ड्राइनेस की शिकायत भी रहती है। जलन या फिर ड्राइनेस से बचाव के लिए ल्युब्रिकेंट का इस्तेमाल किया जा सकता है। कॉन्डम के साथ वॉटर बेस्ड ल्युब्रिकेंट मसलन, केवाई जैली आदि ही यूज किए जा सकते हैं।
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