हमारे ज्योतिष शास्त्रों में शनि को कर्मों का देवता माना गया है जो इंसान जैसा कर्म करता है उसे वैसा ही फल मिलता है। यदि कुंडली में शनि शुभ स्थिति में बैठे हैं तो ये मनुष्य को रंक से राजा बना सकते हैं। मगर शनि की अशुभ स्थिति राजा को भी निर्धन बना सकती है। यदि शनिवार के दिन कुछ खास उपाय किए जाएं तो शनि के अशुभ प्रभावों को भी शुभ प्रभावों में बदला जा सकता है।
करें ये आसान उपाय:
# अगर शनि कुंडली के प्रथम भाव में बैठकर अशुभ असर दे रहा हो तो मनुष्य को शनिवार के दिन दूध में थोड़ी चीनी मिलाकर बरगद अथवा पीपल के वृक्ष में चढ़ाना चाहिए।
# अगर शनि दूसरे घर में अशुभ फल दे रहा हो तो शनिवार के दिन आपको अपने माथे पर दूध अथवा दही का तिलक लगाना चाहिए। साथ-साथ सांप को दूध पिलाना चाहिए।
# तीसरे भाव में बैठे शनि के दुष्प्रभावों से बचने के लिए शनिवार के दिन काले तिल, केले तथा नींबू का दान करें। कुत्तों की सेवा करें तथा मांस मदिरा का सेवन ना करें।
# शनि के अशुभ फल से बचने के लिए शनिवार के दिन भैंस तथा कौए को खाना दें। निर्धनों तथा जरूरतमंदों की सहायता करें। उन्हें अपनी सामर्थ्य के मुताबिक दान दें।
# शनि के पांचवे भाव में अशुभ प्रभाव से बचने के लिए लोहे का छल्ला हाथ में पहनें तथा साबुत मूंग की दाल को किसी जरूरतमंद को शनिवार के दिन दान करें।
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