धूम्रपान और तंबाकू का गुटखा या पान मसाले के साथ सेवन फेफड़ों का कैंसर, स्ट्रोक, हृदय रोगों का खतरा बढ़ाता है। यदि कोई व्यक्ति धूम्रपान छोड़ना चाहता है तो घरवाले और दोस्त उसकी मदद करें। उसे बार-बार उसकी गलत हरकतों के लिए ताने देने से बचना चाहिए। धूम्रपान और तंबाकू के सेवन से शरीर में निकोटिन व कार्बनमोनोऑक्साइड जमा हो जाती है जो धीमा जहर है। स्मोकिंग छोड़ने के लिए जरूरी है कि सबसे पहले इन विषैले पदार्थों की शरीर से सफाई की जाए। जानते हैं इसके लिए जरूरी उपायों के बारे में....
- ठंडा पानी (चिल्ड नहीं) खूब पिएं। तांबे के बर्तन में रखा पानी शरीर से विषैले पदार्थों को दूर करने का काम करता है। आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार शतावरी, ब्राह्मी, अश्वगंधा जैसी जड़ी-बूटियां और त्रिफला व सुदर्शन चूर्ण शरीर से दूषित पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं।
- मार्केट में हर्बल सिगरेट उपलब्ध है। हल्दी, तुलसी, दालचीनी, अदरक, मुलेठी, लौंग और गुग्गल से बनी हर्बल सिगरेट धूम्रपान की तलब को कम करती है और आप निकोटिन व कार्बन मोनोऑक्साइड से बच जाते हैं।
- अदरक, आंवला, हल्दी व सितोपलादि चूर्ण की गोली मुंह में रखने से भी सिगरेट की इच्छा कम होती है।योग की नेति क्रिया स्मोकिंग छोड़ने में मदद करती है।
- स्मोकिंग छोड़ने पर कई लोगों के मुंह का स्वाद बदल जाता है। ऐसा हो तो कम वसा वाला शाकाहारी आहार लें। ब्रेड, कॉफी, चाय, डेयरी उत्पाद व मांस में एसिडिक तत्व ज्यादा होते हैं इनसे परहेज करना चाहिए।
- अगर धूम्रपान की लत से बचने के लिए आपको किसी तरह की काउंसलिंग या मनोचिकित्सक की जरूरत हो तो उनसे अवश्य संपर्क करें। उनकी सकारात्मक सोच आपके विचारों को और मजबूत बनाने का काम करेगी।
- स्मोकिंग शुरू करने का कारण कई बार साथी भी होते हैं। स्मोकिंग छोड़ने के लिए जरूरी है कि ऐसे लोगों या दोस्तों से दूरी बनाएं जो धूम्रपान के लिए उकसाते हों। रोजाना जिस दुकान से आप सिगरेट आदि खरीदते हैं उस ओर न जाकर रास्ता बदल लें।
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